एसएफटी के मुख्य द्वार तक पहुंची रेस्क्यू टीम
एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की टनल से 183 मीटर मलबा हटाने के बाद रेस्क्यू टीम एसएफटी (सिल्ट फ्लशिंग टनल) के नजदीक पहुंच गई है। टनल का तल ऋषिगंगा के स्तर से 13 मीटर नीचे होने के कारण सुरंग में लगातार पानी भर रहा है।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की टनल से 183 मीटर मलबा हटाने के बाद रेस्क्यू टीम एसएफटी (सिल्ट फ्लशिंग टनल) के नजदीक पहुंच गई है। टनल का तल ऋषिगंगा के स्तर से 13 मीटर नीचे होने के कारण सुरंग में लगातार पानी भर रहा है। इसके चलते रेस्क्यू में दिक्कत हो रही है। अब एनटीपीसी छह इंच की एक और पाइप लगाकर पानी निकालने की बात कह रहा है। हालांकि पहले से ही 20 इंच की चार पाइपों के जरिये पानी की निकासी की जा रही है। सात फरवरी को ऋषिगंगा में आई आपदा के बाद एनटीपीसी की 520 मेगावाट की तपोवन विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की टनल में भारी मात्रा में मलबा भर गया था। आपदा के दिन मुख्य टनल के जरिये 34 व्यक्ति एसएफटी में काम करने गए थे। अभी तक टनल से 14 शव निकाले जा चुके हैं। रेस्क्यू टीम ने मुख्य टनल के टी प्वाइंट तक 180 मीटर मलबा हटाने के बाद यहां से तीन मीटर दाईं ओर से भी मलबा हटा दिया है। इसके चलते अब एसएफटी का मुख्य द्वार नजर आने लगा है। एनटीपीसी के महाप्रबंधक राजेंद्र प्रसाद अहिरवार ने बताया कि टनल से भारी मात्रा में पानी का रिसाव हो रहा है। कोशिश है कि प्रतिदिन शाम तक टनल से मलबा हटाने का कार्य अधिक से अधिक मात्रा में हो सके।
एक मानव अंग का अंतिम संस्कार रविवार को जोशीमठ में एक और मानव अंग का अंतिम संस्कार किया गया। अभी तक आपदा में लापता 205 व्यक्तियों में से 72 शव व 30 मानव अंग बरामद हो चुके हैं। इनमें से कुल 41 शवों की शिनाख्त हुई है। 133 व्यक्ति अभी भी लापता चल रहे हैं।
रेस्क्यू अपडेट
कुल लापता-----------------205 शव बरामद-----------------72 मानव अंग बरामद-----------------30 अब तक शिनाख्त-----------------41 अब भी लापता-----------------133 डीएनए सैंपल-----------------200यह भी पढ़ें- डिप्लोमा फार्मेसिस्ट संघ की धड़ेबाजी पर लगा विराम, मतदान के बाद सोमवार को जारी होगा परिणाम
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