महंगाई से जनता की दुश्वारियां बढ़ी
कोरोना संक्रमण के चलते बाजारों से गायब हुई रौनक धीरे-धीरे लौटने लगी है।
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: कोरोना संक्रमण के चलते बाजारों से गायब हुई रौनक धीरे-धीरे लौटने लगी है। त्योहारों एवं विवाह समारोह के आयोजन से इन दिनों बाजारों में खरीद को समीपवर्ती गांवों से ग्रामीणों की भीड़ लगी है, लेकिन बढ़ती महंगाई ने आमजनमानस की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं।
उपभोक्ता जितेंद्र कुमार, राकेश चंद्र कहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान सब्जी व फल के दामों को नियंत्रित करने में प्रशासन व पूर्ति विभाग नजर रखे था, लेकिन सामान्य जनजीवन होने के बाद मूल्यों पर नियंत्रण के प्रयास शिफर होने से सब्जी, राशन के दामों में दोगुना इजाफा हो गया है। हालत यह है कि राशन सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं के पुराने जमा स्टॉक को नए बाजार मूल्य से बेचा जा रहा है और कालाबाजारी करने वालों की पौबारह हो गई है। हालांकि व्यापारी इसके लिए मुख्य मंडियों से बढ़ी कीमत एवं टैक्स में बढ़ोत्तरी को इसका कारण बता रहे हैं। साथ ही डीजल व पेट्रोल के दामों में हुई वृद्धि का असर भी अब बढ़ती महंगाई पर पड़ने लगा है। गृहिणी कविता और दिव्या कहती है रसोईघर के सभी खाद्य पदार्थो आलू, प्याज, टमाटर, दालों में बीते तीन सालों में पहली बार मूल्य वृद्धि होने से हर दिन का बजट गड़बड़ा गया है और बुनियादी मुद्दों महंगाई, रोजगार आदि मुद्दों से ध्यान हटाकर सरकार चुनावी सस्ती लोकप्रियता हासिल कर जनता को भ्रमित करने में लगी है, जिसका आने वाले समय में जनता जवाब देगी। इस संबंध में पूर्ति निरीक्षक बीपी ध्यानी ने बताया कि आवश्यक वस्तुओं की मूल्य वृद्धि को लेकर कड़ी नजर रखी जा रही है।