बाबा बर्फानी के दर्शनों को सीमित संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु

सीमा सड़क संगठन ने नीती गांव तक बर्फ को हाईवे से पूरी तरह हटा दिया है। बर्फ हटने के बाद स्थानीय श्रद्धालु कम संख्या में ही मगर बाबा बर्फानी के दर्शनों को टिम्मरसैंण महादेव में लगातार पहुंच रहे हैं। श्रद्धालु यहां पर बाबा बर्फानी के दर्शनों के बाद आसपास के प्राकृतिक स्थलों की सैर कर यहां के नजारों को कैमरों में कैद कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 10:15 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 10:15 PM (IST)
बाबा बर्फानी के दर्शनों को सीमित संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु
बाबा बर्फानी के दर्शनों को सीमित संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: सीमा सड़क संगठन ने नीती गांव तक बर्फ को हाईवे से पूरी तरह हटा दिया है। बर्फ हटने के बाद स्थानीय श्रद्धालु कम संख्या में ही मगर बाबा बर्फानी के दर्शनों को टिम्मरसैंण महादेव में लगातार पहुंच रहे हैं। श्रद्धालु यहां पर बाबा बर्फानी के दर्शनों के बाद आसपास के प्राकृतिक स्थलों की सैर कर यहां के नजारों को कैमरों में कैद कर रहे हैं।

चमोली जिले के सीमावर्ती गांव नीती से पहले सड़क से 700 मीटर की दूरी पर स्थित टिम्मरसैंण गुफा में भगवान भोलेनाथ विराजमान हैं। यहां पर हर वर्ष गुफा के अंदर एक विशाल शिवलिग आकृति लेता है। इसके अलावा छह से अधिक छोटे शिवलिग भी यहां पर आकार लेते हैं। अमूमन मार्च से लेकर अप्रैल अंतिम सप्ताह तक यहां पर बर्फ के प्राकृतिक शिवलिग के दर्शन किए जा सके हैं। वर्ष 2019 में स्थानीय निवासियों की पहल पर प्रशासन ने टिम्मरसैंण में यात्रा शुरू करवाई थी। परंतु उस साल अत्यधिक बर्फ होने के कारण यात्रा की तिथियां लगातार खिसकाई गई। अब इस साल भी सरकार के निर्देशों पर प्रशासन ने टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा शुरू कराई थी। परंतु गमशाली से लेकर नीती तक हाईवे पर भारी बर्फ होने के कारण यात्री टिम्मरसैंण तक नहीं पहुंच पा रहे थे। स्थानीय निवासी बर्फ के ऊपर ही बाबा के दर्शनों को सीमित संख्या में पहुंच रहे थे। अब सीमा सड़क संगठन ने नीती गांव तक सड़क से बर्फ हटा दी है। लिहाजा जिले के अन्य क्षेत्रों से भी श्रद्धालु टिम्मरसैंण पहुंचकर बर्फ के प्राकृतिक शिवलिग के दर्शन करने को पहुंच रहे हैं। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. दर्शन सिंह नेगी भी स्वजनों के साथ टिम्मरसैंण की यात्रा कर वापस लौटे हैं। उनका कहना है कि सीमित संख्या में जिले के श्रद्धालु ही फिलहाल टिम्मरसैंण जा रहे हैं। श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने के बाद देश के अंतिम गांव नीती व आसपास के प्राकृतिक स्थलों का भी दीदार कर रहे हैं।

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