पारंपरिक बीज बचाने को किया जागरूक

जैव विविधता अध्ययन यात्रा के गुरुवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण पहुंचने पर क्षेत्रवासियों ने स्वागत किया। बीज बचाओ आंदोलन व सर्वोदय मंडल टिहरी के बैनर तले अस्कोट से आराकोट तक की यात्रा पर निकले यात्री दल का जत्था पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाए है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 06:29 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 06:29 PM (IST)
पारंपरिक बीज बचाने को किया जागरूक
पारंपरिक बीज बचाने को किया जागरूक

संवाद सूत्र, गैरसैंण: जैव विविधता अध्ययन यात्रा के गुरुवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण पहुंचने पर क्षेत्रवासियों ने स्वागत किया। बीज बचाओ आंदोलन व सर्वोदय मंडल टिहरी के बैनर तले अस्कोट से आराकोट तक की यात्रा पर निकले यात्री दल का जत्था पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाए है। इससे पूर्व यात्री दल ने कुमाऊं मंडल के सोमेश्वर, विनता, चौखुटिया घाटी के विभिन्न गांवों में संपर्क कर पारंपरिक बीज बचाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने के साथ खेती में आ रही दिक्कतों को जानने का प्रयास किया। दल के प्रमुख व बीज बचाओ आंदोलन के संयोजक विजय जड़धारी ने कहा कि गांव में खेती की स्थिति को जंगली जानवरों ने मुश्किल कर दिया है। वहीं खानपान में आ रहे बदलाव व पशुपालन में आ रही गिरावट चिताजनक है। वहीं निरंतर बढ़ते पलायन से गांव खाली होते जा रहे हैं।

अस्कोट से गैरसैंण के बीच हर क्षेत्र में बंदर और सुअर के खेती को तहस-नहस करने का मुद्दा उठाया जाता रहा है, जिस कारण किसान खेती से विरत हो रहे हैं। कृषि विभाग जहां संकर बीजों व रासायनिक उपकरणों से खेती पर हमला कर रहा है। वहीं पशुपालन विभाग कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देकर बदरी गायों की पारंपरिक नस्लों को समाप्त करने पर तुला हुआ है। गांव और तीर्थस्थानों को जोड़ने वाली सड़कें व रेलवे लाइन अविज्ञानिक रूप से बनाई जा रही हैं। मलबा नदियों में डाला जा रहा है। परिणाम स्वरूप एक तरफ नदियों की जैव-विविधता को नुकसान हो रहा है तो दूसरी तरफ भूस्खलन से नए-नए डेंजर जोन बन रहे हैं, जिसके कारण पूरे पहाड़ अस्थिर हो गए हैं। खेती योग्य भूमि पर रेलवे स्टेशन तो कई स्थानों पर आलवेदर सड़क ने पारंपरिक खेती की संभावनाओं को चकनाचूर कर दिया है।

आंदोलन के प्रवक्ता रघुभाई जड़धारी ने कहा कि यात्री दल आगे बढ़कर रुद्रप्रयाग, टिहरी के विभिन्न गांव के हालात का अध्ययन करते हुए यात्रा के अंत में उत्तरकाशी जिले के हिमाचल प्रदेश से लगे आराकोट गांव तक पहुंचेगा। कहा कि यात्री दल गर्मियों में हिमालय में आग से जले जंगल, वन विभाग के हरियाली कार्यक्रमों और हिमालय दिवस के अवसर पर किए गए कार्यक्रमों का भी अध्ययन कर रहा है, जिसकी अध्ययन रिपोर्ट तैयार कर सूबे के मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी। यात्री दल में इलाहाबाद सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष साब सिंह सिंह सजवाण, शशि भूषण भट्ट, राम सिंह कुट्टी, गोपाल भाई, सभासद शक्ति प्रसाद जोशी, सिद्धार्थ समीर, रवि गुसाईं, दिनपाल, आदि शामिल हैं।

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