अलकनंदा में बह रहे यात्री को पूर्व प्रधान ने बचाया
बदरीनाथ दर्शनों को जा रहे महाराष्ट्र के एक बुजुर्ग यात्री क्षेत्रपाल के पास जल भरने के दौरान पैर फिसलने से अलकनंदा नदी में बह गए।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: बदरीनाथ दर्शनों को जा रहे महाराष्ट्र के एक बुजुर्ग यात्री क्षेत्रपाल के पास जल भरने के दौरान पैर फिसलने से अलकनंदा नदी में बह गए। वह तो खुशकिस्मती रही कि वहां मौजूद सैंजी गांव के पूर्व प्रधान सुंदर सिंह फस्र्वाण ने बुजुर्ग को बहते देख लिया और स्वयं नदी में कूदकर 200 मीटर दूर से उन्हें सकुशल बाहर निकाल लाए। बुजुर्ग को गोपेश्वर स्थित जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
हरिद्वार से जोशीमठ जा रही बस चमोली से तीन किमी आगे क्षेत्रपाल के एक होटल के पास रुकी। बाकी यात्री तो वहां चाय-नाश्ता व भोजन करने लगे, लेकिन 88-वर्षीय बोरीबली (मुंबई) निवासी शंकर जल लेने के लिए अलकनंदा नदी के तट पर चले गए। बताया गया कि जल भरने के दौरान वह अचानक अलकनंदा नदी में जा गिरे और कुछ दूर बहकर एक चट्टान की आड़़ में अटक गए। इस बीच बस सवार अन्य यात्रियों ने बुजुर्ग की काफी तलाश की, लेकिन जब उनके बारे कोई जानकारी नहीं मिली तो वह जोशीमठ के लिए रवाना हो गए।
इधर, क्षेत्रपाल में मौजूद सैंजी के पूर्व प्रधान सुंदर सिंह फस्र्वाण ने जब बुजुर्ग को अलकनंदा में बहते देखा तो अपने एक अन्य साथी के साथ नदी के किनारे दौड़ लगा दी। सुंदर ने बताया कि बुजुर्ग बहते हुए 200 मीटर दूर एक चट्टान की आड़ में अटक गए थे। इसलिए उन्हें सकुशल निकाला जा सका। बाद में 108 सेवा की मदद से बुजुर्ग को जिला चिकित्सालय लाया गया। बुजुर्ग ने बताया कि वह हरिद्वार से अकेले ही बदरीनाथ यात्रा पर जा रहे थे।