निवारण मंच ने उपभोक्ताओं के हक में दिया फैसला
विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच की ओर से गैरसैंण क्षेत्र स्थित लाटूगैर के ग्रामीणों के हक में दिए गए फैसले से विद्युत उपभोक्ता उत्साहित हैं।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच की ओर से गैरसैंण क्षेत्र स्थित लाटूगैर के ग्रामीणों के हक में दिए गए फैसले से विद्युत उपभोक्ता उत्साहित हैं। मंच के सदस्यों ने नियमानुसार 180 दिन के भीतर समस्या का समाधान करने के आदेश दिए हैं। लो वोल्टेज और ट्रिपिंग की समस्या झेल रहे उपभोक्ताओं को अब गांव में नियमित विद्युत आपूर्ति की उम्मीद जग गई है।
दरअसल, पांच सितंबर 2020 को ग्रामीणों ने मंच में ऊर्जा निगम के खिलाफ शिकायत दर्ज करते हुए कहा था कि ऊर्जा निगम विद्युत उपभोक्ताओं की ओर से बार-बार की जा रही शिकायतों को अनसुना कर रहा है। इससे उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा रहा है। ग्राम प्रधान लाटूगैर प्रियंका देवी के साथ ही 14 ग्रामीण उपभोक्ताओं ने विभाग के रवैये से क्षुब्ध होकर उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया था कि घनी आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्र में 1983 से विद्युत आपूर्ति हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि उनके क्षेत्र में चार किलोमीटर की विद्युत लाइन बिछाई जा रही है, जिसमें एल्युमिनियम के बजाय लोहे के तारों का प्रयोग किया जा रहा है। इसके कारण ग्रामीण क्षेत्र में वोल्टेज कम रहता है। लाइन में उतार-चढ़ाव होने के कारण आएदिन घरों में लगे उपकरण जल जाते हैं और बल्ब फ्यूज हो जाते हैं। प्रकरण में शशि भूषण मैठाणी सदस्य उपभोक्ता एवं भूपेंद्र कनेरी सदस्य तकनीकी ने गैरसैंण में सुनवाई करते हुए विभाग से जवाब मांगा। गैरसैंण विद्युत उपखंड कार्यालय में हुई सुनवाई के दौरान ऊर्जा निगम की ओर से एसडीओ छेदी लाल और अवर अभियंता चंद्र सिंह बुटोला ने मंच के सदस्यों के समक्ष अपना पक्ष रखा और स्वीकार किया कि उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति में लो वोल्टेज और ट्रिपिंग का सामना लोहे की तारों के कारण ही करना पड़ रहा है। इसके सुधार के लिए स्टीमेट का आकलन किया गया है। विभाग ने लिखित रूप से मंच को बताया कि उक्त क्षेत्र में तारों के अलावा ट्रांसफार्मर को बदलने की भी आवश्यकता है। सुनवाई के बाद उपभोक्ता सदस्य व तकनीकी सदस्य के संयुक्त आदेश में ग्रामीणों के हक में फैसला देते हुए विभाग को आदेश जारी किया गया। ऐसा न होने की स्थिति में ऊर्जा निगम को उपभोक्ताओं को व्यक्तिक्रम प्रत्येक दिन के लिए 25 रुपये के हिसाब से वोल्टेज उतार-चढ़ाव के लिए प्रतिपूर्ति देनी होगी। यह भी आदेश दिए कि वोल्टेज उतार-चढ़ाव के कारण उपभोक्ता के ऊपर हानि होने की स्थिति में मरम्मत के लिए प्रति उपकरण 500 रुपये प्रभावित उपभोक्ताओं को दिया जाए।