Video: भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशीमठ-मलारी हाईवे पर लगातार भूस्खलन, दहशत में लोग

भारत-चीन सीमा का जोड़ने वाला जोशीमठ मलारी हाइवे पिछले कुछ दिनों से सुराइथोटा और तमक के बीच बंद पड़ा है। हाईवे के खुलने और बंद होने का सिलसिला पिछले आठ दिनों से जारी है जिसपर हाईवे को खोलने का काम किया जा रहा था।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 17 Aug 2021 02:37 PM (IST) Updated:Tue, 17 Aug 2021 09:47 PM (IST)
Video: भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशीमठ-मलारी हाईवे पर लगातार भूस्खलन, दहशत में लोग
भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशीमठ-मलारी हाईवे पर लगातार भूस्खलन।

संवाद सूत्र, जोशीमठ (चमोली)। भारत चीन तिब्बत सीमा का जोड़ने वाले जोशीमठ मलारी हाईवे पर चार दिनों से मलबा व बोल्डर हटाने का कार्य नहीं हो पा रहा है। पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने के कारण यह स्थिति सामने आई है। सीमा क्षेत्र के गांवों में फंसे ग्रामीणों ने हेली सेवा के जरिए प्रभावित क्षेत्रों में खाद्यान्न पहुंचाने व यहां फंसे हुए व्यक्तियों को निकालने की मांग प्रशासन से की है।

भारत-चीन सीमा पर जोशीमठ मलारी हाइवे पिछले कुछ दिनों से सुराइथोटा और तमंग के बीच बंद पड़ा है। इसके खुलने और बंद होने का सिलसिला 8 दिनों से जारी है। अब पहाड़ी से मलबा और बोल्डर लगातार गिर रहा। ऐसे में 4 दिन से हाईवे खोलने का काम ठप है।@JagranNews @MygovU #UttarakhandLandslide pic.twitter.com/434f9uEp5y— amit singh (@Join_AmitSingh) August 17, 2021

आठ दिन पूर्व तमक के निकट हाईवे पर पहाड़ी गिरने के कारण सड़क बंद हो गई थी। एक दिन सीमा सड़क संगठन ने बोल्डर हटाकर आवाजाही शुरू कराई। मगर बीते चार दिनों से लगातार भूस्खलन से हाईवे बाधित है। हाईवे बाधित होने से मलारी, नीती, बांपा, गमशाली सहित घाटी के 12 गांवों के ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में खाद्यान्न, रसोई गैस का संकट खड़ा हो गया है। 

हाईवे बाधित होने से सेना की आवाजाही भी सीमा क्षेत्र में नहीं हो पा रही है। वहीं, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना के निर्देश पर जोशीमठ की उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी ने मौके का स्थलीय निरीक्षण किया। बताया कि पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने के कारण हाईवे खोलने का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। कहा कि सीमा सड़क संगठन की एक टीम वहां भी जाएगी, जहां से पहाड़ी टूट रही है। एनडीआरएफ की टीम को मौके पर भेजा गया है। बताया कि यहां पर वैकल्पिक मार्ग की दिशा में कार्रवाई की जा रही है।

सीमा सड़क संगठन के कमांडर मनीष कपिल ने बताया कि पहाड़ी से पत्थर गिरने का सिलसिला थमते ही हाईवे खोलने का कार्य किया जाएगा। प्रभारी जिलाधिकारी वरूण चौधरी ने बताया कि तहसील प्रशासन व सीमा सड़क संगठन को निर्देश दिए गए हैं कि आपसी समन्वय बनाकर तत्काल सड़क को खोला जाए। बताया कि वैकल्पिक मार्ग के लिए भी निर्देशित किया गया है। कहा कि खाद्यान्न संकट जैसी अभी कोई बात सामने नहीं आई है। गांवों से वस्तुस्थिति की जानकारी मांगी गई है।

यह भी पढ़ें- गंगोत्री राजमार्ग पर खतरे में रोड प्रोटक्शन गैलरी का निर्माण, हुआ भारी भूस्खलन; तस्वीरें

chat bot
आपका साथी