Chamoli Glacier Burst: मलारी घाटी में हिमखंड टूटा, टीम मौके के लिए रवाना; अलर्ट जारी; गृहमंत्री ने दिया मदद का भरोसा
भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क पर सुमना में ग्लेशियर टूटने की सूचना है। यहां बीआरओ के मजदूर सड़क कटिंग के कार्य में लगे रहते हैं। बीआरओ के कमांडर मनीष कपिल ने बताया कि सूचना मिली है कि अधिकारी क्षेत्र में संपर्क बनाने की कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले की मलारी घाटी में चीन सीमा के पास हिमखंड टूटने की सूचना है। क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। फिलहाल नुकसान के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया है। जोशीमठ से सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की एक टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी के कारण टीम को यहां पहुंचने में वक्त लग सकता है। इस इलाके में आबादी नहीं है और सिर्फ सेना की ही आवाजाही रहती है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने इस मामले में जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। वह स्वयं घटना पर निगाह रखे हुए हैं। कहा कि एनटीपीसी और अन्य परियोजनाओं में रात के समय काम रोकने के आदेश दिए गए हैं। घटना के बाद ऋषिकेश और हरिद्वार में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है।
घटना जोशीमठ से करीब 90 किलोमीटर दूर सुमना नामक स्थान की है। सीमा पर अंतिम चौकी बाड़ाहोती तक यहीं से होकर पहुंचा जाता है। दूरस्थ क्षेत्र होने के कारण यहां संचार नेटवर्क भी नहीं है। चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि बीआरओ के कमांडर मनीष कपिल के नेतृत्व में टीम मौके के लिए गई है। उन्होंने बताया कि उस क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। ऐसे में आशंका है कि कुछ श्रमिक वहां फंसे हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में एक सप्ताह से रुक-रुक कर बर्फबारी हो रही है, जबकि दो दिन से यहां लगातार बर्फ गिर रही है। ऐसे में समय लगाना स्वाभाविक है।
दूसरी ओर, राज्य आपदा मोचन बल की डीआइजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ की जोशीमठ में तैनात टीम को मौके के लिए रवाना किया जा रहा है। रुद्रप्रयाग में तैनात टीम शनिवार को रवाना होगी। इसके अलावा जौलीग्रांट में भी दो टीमें अलर्ट पर रखी गई हैं। वहीं कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि भगवान बदरीविशाल से सबकी कुशलता की कामना की है।
तपोवन में रोका गया काम
पिछले दो दिन से चल रही बारिश और बर्फबारी से ऋषिगंगा और धौलीगंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। इससे तपोवन और रैणी के साथ छह गांवों के लोग सहमे हुए हैं। बारिश के दौरान तपोवन मे मलबा हटाने का कार्य रोका गया है। गौरतलब है कि सात फरवरी को ऋषिगंगा में आए उफान में 205 लोग लापता हो गए थे। इनमें से अब तक 79 शव मिल पाए हैं।
गृह मंत्री ने दिया मदद का भरोसा
नीति घाटी में ग्लेशियर टूटने की जानकारी मिलने के बाद केंद्र सरकार भी सतर्क हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सरकार को पूरी मदद उपलब्ध कराने का भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के अनुसार उन्होंने शुक्रवार देर रात्रि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को घटना की जानकारी दी। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक गृह मंत्री ने इस घटना का तत्काल संज्ञान लिया और आइटीबीपी को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं । मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री की तत्परता और संवेदनशीलता के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
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