तहसील दिवस में मौके के बजाय दूरभाष से सुनी समस्या

जनसमस्याओं के निदान को आयोजित तहसील दिवस खानापूर्ति बनकर रह गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Nov 2021 07:29 PM (IST) Updated:Tue, 16 Nov 2021 07:29 PM (IST)
तहसील दिवस में मौके के बजाय दूरभाष से सुनी समस्या
तहसील दिवस में मौके के बजाय दूरभाष से सुनी समस्या

संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: जनसमस्याओं के निदान को आयोजित तहसील दिवस खानापूर्ति बनकर रह गए हैं। कर्णप्रयाग विकासखंड सभागार में मंगलवार को आयोजित तहसील दिवस में यही स्थिति थी। तहसील दिवस से अधिकांश अधिकारी गायब रहे, तो फरियादियों ने भी ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई।

मंगलवार को कर्णप्रयाग ब्लाक सभागार कर्णप्रयाग में तहसील दिवस आयोजन मुख्य प्रशासनिक अधिकारी देवराज सिंह रौतेला की उपस्थिति में तय था लेकिन मात्र दो फरियादी ही अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे जबकि विभिन्न विभागीय अधिकारी भी नदारद रहे। इस मौके पर ग्रामीण दान सिंह ने पीएम आवास योजना व जितेंद्र कुमार ने जयकंडी-मैखुरा मोटर मार्ग, मैखुरा गांव के जर्जर विद्युत पोलों को बदले जाने की मांग उठाई, जिनका अधिकारियों ने दूरभाष के माध्यम से समाधान किया।

लंगासू व्यापार संघ के पूर्व अध्यक्ष कैलाश खंडूडी ने कहा कि जनसमस्याओं के मुद्दे तहसील दिवस सहित तमाम जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के संज्ञान में आने के बाद भी जस के तस बने हैं। इसीलिए तहसील दिवस में आने में फरियादी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। कहा कि लंगासू में लंगासू-जयकंडी-बणसोली-मैखुरा मोटर मार्ग पर बीस साल से आधे-अधूरे पड़े कार्य को लेकर आंदोलन किया गया, जिसके बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने 11 नवंबर से मोटर मार्ग सुधारीकरण का लिखित आश्वासन दिया, लेकिन आज तक समस्या जस की तस है। विकासखंड अंतर्गत बदहाल स्वास्थ, शिक्षा व यातायात व्यवस्था के बारे में भी कई बार आवाज उठाई, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ, जिससे जनप्रतिनिधि स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहा है और अब तहसील दिवस पर भी इसका असर नजर आने लगा है। तहसील दिवस में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी देवराज सिह, लोनिवि गौचर, एसडीओ विद्युत, खंड विकास अधिकारी डीएस रावत, कानूनगो बिजेंद्र सिंह ही मौजूद रहे, जबकि अन्य विभागों के अधिकारी नहीं आए। विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती नहीं

कपीरी संघर्ष समिति अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, रणवीर सिंह और लक्ष्मी प्रसाद खंडूडी ने कहा कि बीते तीस साल से उपजिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में विशेषज्ञ चिकित्सक फिजिशियन, आर्थोपेडिक सर्जन व बाल रोग चिकित्सक की तैनाती नहीं हो सकी है। यही नहीं 88 लाख रुपये की लागत से तैयार ट्रामा सेंटर भवन भी सफेद हाथी बना हुआ है। इसी तरह राजकीय बालिका इंटर कालेज कर्णप्रयाग में शिक्षकों की कमी, बदहाल कर्णप्रयाग-नैनीसैंण व सिमली-शैलेश्वर मोटर मार्ग, वर्षाकाल के दौरान क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं की मरम्मत, कर्णप्रयाग में होम्योपैथिक चिकित्सक की नियमित तैनाती, करोड़ों की लागत से तैयार सीवर प्लांट से कार्य प्रारंभ करने व नमामि गंगे के तहत वर्षाकाल में क्षतिग्रस्त स्नानाघाट व वर्षों से बंदरों व जंगली जानवरों से निजात की मांग पूरी नहीं हो सकी है, जिससे क्षेत्रवासी मायूस हैं।

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