यात्रा मार्ग पर खुलने लगे होटल-ढाबे, प्रशासन तैयारियों में जुटा

चारधाम यात्रा शुरू को शासन की हरी झंडी मिलने के बाद संबंधित जिला प्रशासन यात्रा व्यवस्थाएं सुचारु बनाने में जुट गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 10:33 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 10:33 PM (IST)
यात्रा मार्ग पर खुलने लगे होटल-ढाबे, प्रशासन तैयारियों में जुटा
यात्रा मार्ग पर खुलने लगे होटल-ढाबे, प्रशासन तैयारियों में जुटा

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चारधाम यात्रा शुरू को शासन की हरी झंडी मिलने के बाद संबंधित जिला प्रशासन यात्रा व्यवस्थाएं सुचारु बनाने में जुट गए हैं। चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने शुक्रवार को यात्रा से जुड़े विभागीय अधिकारियों की बैठक में यात्रा को सुगम एवं सुविधाजनक बनाने के लिए बेहतर प्रबंधन के साथ सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि केदारनाथ धाम सहित पूरे यात्रा मार्ग में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं। यात्रा मार्ग में दुकानों का आवंटन भी कर दिया गया है। उधर, उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का कहना है कि गंगोत्री धाम में सड़क से लेकर सभी व्यवस्थाएं सुचारू हैं। जबकि, यमुनोत्री पैदल मार्ग की दिक्कतों को भी जल्द दूर कर लिया जाएगा।

चमोली के जिलाधिकारी खुराना ने राष्ट्रीय राजमार्ग एवं ढाचागत विकास निगम लि.(एनएचआइडीसीएल), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) व लोनिवि को यात्रा मार्ग दुरुस्त करने के साथ ही मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में जहां-जहां भी सड़क सुधारीकरण के कार्य होने हैं, उन्हें युद्धस्तर पर पूरा कराया जाए। इन स्थानों पर तत्काल होर्डिग व साइनेज लगाने के साथ ही एक्सावेटर, डोजर व जेसीबी मशीन की तैनाती की जाए। इसके अलावा बदरीनाथ व गोविंदघाट समेत सभी अस्पतालों में जरूरी दवाइयों का पर्याप्त स्टाक समेत एंबुलेंस और पैरामेडिकल स्टाफ की की तैनाती सुनिश्चित हो। इससे पूर्व, जिलाधिकारी खुराना व पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने चमोली से गौचर तक राष्ट्रीय राजमार्ग का निरीक्षण कर यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। साथ ही संबंधित अधिकारियों को यात्रियों की सुविधा का पूरा ख्याल रखने के निर्देश दिए।

गौचर बैरियर का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने वहां चिकित्सा टीम व पुलिस बल की तैनाती कर कोविड टेस्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि बदरीनाथ में 1500 व्यक्तियों के ठहरने रहने की व्यवस्था है। 25 से अधिक होटल भी खुले हुए हैं, जिनमें खाने-ठहरने की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा 12 ढाबे भी खुले हैं। बताया कि यात्रियों की चमोली की सीमा मे प्रवेश करते ही जांच की जाएगी। इसके लिए मोहनखाल पोखरी, ग्वालदम, पांडवखाल, गौचर आदि आदि स्थानों पर नाके लगाए गए हैं। पांडुकेश्वर व हेमकुंड के बेस कैंप गोविंदघाट से भी प्रशासन की जांच के बाद ही यात्री आगे बढ़ पाएंगे।

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केदारनाथ में खाने-ठहरने के पर्याप्त

इंतजाम

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा से जुड़े व्यापारी भी अपने प्रतिष्ठानों में आने शुरू हो गए हैं। प्रशासन की ओर से भी यात्रियों के खाने-ठहरने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं जुटाने का दावा किया जा रहा है। जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि केदारनाथ धाम सहित पूरे मार्ग में यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। धाम में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं। हालांकि, केदारनाथ पैदल मार्ग पर अभी सीमित संख्या में ही व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खोले हैं। यात्रा बढ़ने के साथ व्यापारियों के पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के कार्याधिकारी एनएस जमलोकी ने बताया कि मंदिर में दर्शन के लिए भी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। केदारनाथ व्यापार एसोसिएशन के अध्यक्ष नितिज जमलोकी व व्यापार संघ के गौरीकुंड के पूर्व अध्यक्ष मायाराम गोस्वामी ने कहा कि होटल-लाज पूरी तरह तैयार हैं। यात्रा मार्ग पर भी धीरे-धीरे व्यापारी अपने प्रतिष्ठान खोलेंगे। उधर, शुक्रवार को विभिन्न स्थानों से सौ से अधिक यात्री सोनप्रयाग पहुंच चुके थे। हालांकि, प्रशासन ने उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी। थानाध्यक्ष सोनप्रयाग योगेंद्र सिंह ने बताया कि उच्चाधिकारियों से जो भी दिशा-निर्देश मिलेंगे, उसी हिसाब से आगे निर्णय लिए जाएंगे।

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गंगोत्री में चहल-पहल, यमुनोत्री मार्ग पर दिक्कतें

उत्तरकाशी: प्रशासन की टीम ने शुक्रवार को गंगोत्री धाम में निरीक्षण किया। उपजिलाधिकारी चतर सिंह चौहान ने कहा कि उत्तरकाशी से लेकर हर्षिल-धराली तक अधिकांश होटल खुले हुए हैं। गंगोत्री धाम में भी चहल-पहल शुरू हो गई है। वहां प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की दो टीम मौजूद रहेंगी। एक टीम मास्क व सैनिटाइजर के साथ वीआइपी पार्किंग के पास और दूसरी टीम मंदिर परिसर में मौजूद रहेगी। तीर्थ पुरोहित भी अनिवार्य रूप से मास्क में रहेंगे। घाट और मंदिर में उचित दूरी बनाए रखने के लिए भी चिह्नीकरण कर दिया गया है। बताया कि बिजली-पानी की भी धाम में कोई दिक्कत नहीं है। उरेडा की केदारगंगा परियोजना से भी विद्युत उत्पादन हो रहा है। हालांकि, यमुनोत्री धाम में व्यवस्थाएं पूरी तरह से बहाल नहीं हैं। यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष राजस्वरूप उनियाल ने कहा कि बारिश के कारण यमुनोत्री पैदल मार्ग पर जगह-जगह काई जमी हुई है। इससे फिसलन का खतरा बना हुआ है। खासकर धाम से लौटते हुए उतराई के कारण अधिक फिसलन हो रही है। कुछ स्थानों पर भूस्खलन का मलबा भी पड़ा है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के अनुसार शनिवार को लोनिवि के अधीक्षण अभियंता सहित पूरी टीम यमुनोत्री धाम का निरीक्षण करेगी।

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लौटाया पर्यटकों का दल

उत्तरकाशी: गुजरात से आया पर्यटकों का दस-सदस्यीय दल शुक्रवार को यमुनोत्री धाम के अंतिम पड़ाव जानकीचट्टी पहुंचा। लेकिन, पुलिस कर्मियों व तीर्थ पुरोहितों ने उन्हें वापस लौटा दिया गया। यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष राजस्वरूप उनियाल ने बताया कि लौटाए गए पर्यटकों को शनिवार के बाद यमुनोत्री आने के लिए आमंत्रित किया गया है।

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हेमकुंड सरोवर में डुबकी नहीं लगा पाएंगे श्रद्धालु

गोपेश्वर: गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिद्रा ने कहा कि हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर जाने वाले सभी श्रद्धालुओं को ऋषिकेश गुरुद्वारे में पंजीकरण करना होगा। तभी वे आगे बढ़ पाएंगे। लेकिन, कोरोना से सुरक्षा के मद्देनजर हेमकुंड सरोवर में कोई भी श्रद्धालु स्नान नहीं कर पाएगा। बताया कि हेमकुंड पैदल मार्ग पर घांघरिया के अलावा कहीं भी शौचालय व पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। रास्तेभर दुकान भी सीमित संख्या में हैं। उधर, डीएम खुराना ने कहा कि यात्रा मार्ग पर सफाई, शौचालय व पानी की व्यवस्था के लिए संबधित विभागों को कह दिया गया है।

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