होम स्टे से बढ़ रही पर्यटन स्थलों की पहचान

दुनिया भर में सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने और ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विश्व पर्यटन दिवस को इस वर्ष पर्यटन एवं ग्रामीण विकास की थीम के साथ मनाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 10:51 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 05:15 AM (IST)
होम स्टे से बढ़ रही पर्यटन स्थलों की पहचान
होम स्टे से बढ़ रही पर्यटन स्थलों की पहचान

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर :

दुनिया भर में सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने और ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विश्व पर्यटन दिवस को इस वर्ष पर्यटन एवं ग्रामीण विकास की थीम के साथ मनाया जा रहा है। वर्तमान में जनपद चमोली में लगभग 350 होम स्टे ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हैं। जो पर्यटकों को न केवल रहने की सुविधा प्रदान करते है, बल्कि ग्रामीण जीवन शैली, पहनावा व पहाड़ी व्यंजनों से भी पर्यटकों को रूबरू करा रहे हैं।

उत्तराखंड का सीमांत जनपद चमोली प्राकृतिक व नैसर्गिक सुंदरता के साथ ही ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में अपना अलग स्थान रखता है। अष्टम बैकुंठ के रूप में प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के पास स्थित गांव माणा, तिब्बती सभ्यता को समेटे हुए सीमांत गांव नीति, प्रसिद्ध रूपकुंड ट्रैक के बेस कैंप के रूप में वाण जैसे अनगिनत गांव वर्षों से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं।

इसके अलावा जिला प्रशासन ने भी जनपद के पोखरी विकासखंड के जिलासू गांव में बाखली होम स्टे की शुरुआत की है। जो विश्व पर्यटन दिवस की थीम को पूरी तरह दर्शा रहा है और वर्तमान में जनपद में एक मॉडल होम स्टे के रूप में स्थापित है। यह होम स्टे एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना गोपेश्वर के द्वारा प्रायोजित मां चंडिका आजीविका स्वायतता सहकारिता समूह की महिलाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है। पहाड़ी शैली में निर्मित यह होम स्टे पर्यटकों को ग्रामीण प्रवेश की अनुभूति प्रदान करा रहा है। यहां आने वाले पर्यटक जिलासू, लंगासू व इसके आसपास के क्षेत्रों में होने वाली परंपरागत कृषि से भी परिचित हो रहे हैं और स्थानीय उत्पादों की खरीदारी भी कर पा रहे हैं। होम स्टे में पर्यटकों के लिए पहाड़ी व्यंजनों का खास मैन्यू तैयार किया गया है। जिसमें मंडुवे की रोटी, चैंसा, फांडू, छांछ, बदरी गाय के दूध से तैयार किया गया घी, स्थानीय दाल, सब्जी व अन्य पहाड़ी व्यंजनों को शामिल किया गया है।

जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने कहा कि जिले में पर्यटन की भरपूर संभावनाएं हैं। यहां की कला एवं संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य, जैव विविधता, पर्यटक एवं धार्मिक स्थलों की विरासत सहज ही पर्यटकों को आकर्षित करती है। उन्होंने पर्यटक स्थलों पर सुविधाओं के विकास पर जोर देते हुए स्थानीय व्यक्तियों को होम स्टे योजना का लाभ उठाने को कहा।

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