मलारी हाईवे पर पड़ी दरारें, बीआरओ ने सड़क का किया भरान

भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशीमठ-मलारी हाईवे पर रैणी गांव के निकट हाईवे पर भारी बारिश के चलते बड़ी दरारें पड़ गई हैं जिससे सड़क को खतरा बना हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 11:16 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 11:16 PM (IST)
मलारी हाईवे पर पड़ी दरारें, बीआरओ ने सड़क का किया भरान
मलारी हाईवे पर पड़ी दरारें, बीआरओ ने सड़क का किया भरान

संवाद सूत्र, जोशीमठ: भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशीमठ-मलारी हाईवे पर रैणी गांव के निकट हाईवे पर भारी बारिश के चलते बड़ी दरारें पड़ गई हैं, जिससे सड़क को खतरा बना हुआ है। हालांकि सीमा सड़क संगठन की ओर से दरारों को भरने का कार्य शुरू कर दिया गया है।

चमोली जिले में पिछले चार दिनों से लगातार बारिश के चलते जोशीमठ-मलारी हाईवे पर रैणी गांव के निकट सड़क पर बड़ी दरारें पड़ने से सीमा क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क पर एक बार फिर से खतरा मंडराने लगा है। सात फरवरी को ऋषिगंगा की त्रासदी से मलारी हाईवे कई जगहों पर धस गया था। बीते मई माह में रैणी गांव के निचले हिस्से में करीब 40 मीटर तक हाईवे बह गया था। इसके बाद सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से यहां करीब 100 मीटर तक नई सड़क का निर्माण किया गया था। अब यहां फिर से हाईवे पर भूधसाव हो रहा है। इससे नीति घाटी के ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। रैणी के ग्राम प्रधान भवान सिंह राणा का कहना है कि मलारी हाईवे के ऊपरी हिस्से में चट्टानें और नीचे धौलीगंगा बह रही है। तपोवन से रैणी तक हाईवे कई जगहों पर धस रहा है। कभी भी हाईवे फिर बंद हो सकता है। इसे लेकर बीआरओ के कमांडर मनीष कपील का कहना है कि हाईवे पर जहां दरारें पड़ी थी, वहां भरान कर दिया गया है। बताया कि अब सड़क को किसी प्रकार का खतरा नहीं है।

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बारिश ने बढ़ाई रैणी गांव की मुसीबतें

जोशीमठ: आपदा प्रभावित गांव रैणी की इस मानसून में फिर मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब रैणी गांव की जमीन फिर भारी भूधसाव की जद में आ गई है। पहले ही 14 भवन जमींदोज हो चुके हैं। अब भूधसाव से ग्रामीण दहशत में हैं।

चमोली जिले के सीमावर्ती गांव रैणी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ऋषिगंगा की बाढ़ से शुरू हुई तबाही के बाद बीते दिनों भूस्खलन से रैणी गांव के 14 भवन पहले ही जमींदोज हो चुके हैं। अब भूधसाव के कारण रैणी में सीमा सड़क संगठन की ओर से बनाई गई नई सड़क पर भी दरारें पड़ गई हैं, जिससे यह सड़क भी खतरे में है। जिस तरह से ऋषिगंगा और धौली गंगा का कटाव लगातार बढ़ रहा है, उससे रैणी गांव के अन्य भवनों पर भी खतरा मंडरा रहा है। इससे ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। बताते चलें कि रैणी गांव में 55 परिवार रहते हैं। गांव के अधिकतर घरों पर दरारें आने के बाद ग्रामीण जान जोखिम में डालकर इन भवनों में रहने को मजबूर हैं।(संसू)

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