आठ घंटे बाद खुला बदरीनाथ हाईवे

संवाद सहयोगी गोपेश्वर चमोली जिले में लगातार हो रही बारिश से परेशानियां थमने का नाम नहीं

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 05:34 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 06:24 PM (IST)
आठ घंटे बाद खुला बदरीनाथ हाईवे
आठ घंटे बाद खुला बदरीनाथ हाईवे

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चमोली जिले में लगातार हो रही बारिश से परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार रात हुई भारी बारिश के बाद बदरीनाथ हाईवे पर पागलनाला, भनीरपानी, हेलंग सहित कई स्थानों पर मलबा आने से अवरुद्ध रहा। पागलनाला में मलबा साफ करने में आठ घंटे लग गए। मंगलवार सुबह आठ बजे बंद हुए हाईवे पर दोपहर एक बजे बाद आवाजाही सुचारु की गई।

सीमांत चमोली जिले में बारिश का कहर जारी है। बारिश से सबसे अधिक नुकसान सड़कों को पहुंच रहा है। सोमवार रात भारी बारिश के बाद बदरीनाथ हाईवे पर दर्जनभर स्थानों पर मलबा व बोल्डर आ गए। टंगणी गांव के निकट पागलनाला में बड़े बोल्डरों के साथ भारी मात्रा में मलबा भी हाईवे पर आया। एनएच ने मंगलवार सुबह से ही मलबा हटाने का कार्य शुरू किया। फिर दोपहर तक सभी स्थानों पर सड़क साफ करने के बाद आवाजाही सुचारु हुई। इधर, दूसरी ओर मंगलवार तड़के गोपेश्वर ऊखीमठ केदारनाथ हाईवे पर जिला मुख्यालय गोपेश्वर के निकट बंज्याणी चाड़ा तोक में भारी भरकम बोल्डर सड़क पर गिरने से पांच मीटर के करीब सड़क पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। जिसके बाद यहां पर वाहनों की आवाजाही नहीं हो पा रही है। इस सड़क से यात्राकाल के दौरान बदरीनाथ, केदारनाथ का सफर यात्री करते हैं वहीं आफ सीजन में सगर, गंगोलगांव, ग्वाड़, देवलधार, क्यार्की, नरों, बैरागना, मंडल, सिरोली, बणद्वारा, कुनकुली समेत कई अन्य गांवों के ग्रामीणों की आवाजाही भी होती है। सड़क बंद होने के कारण इन गांवों के ग्रामीण जिला मुख्यालय नहीं आ पा रहे हैं।

25 संपर्क सड़कें अवरुद्ध

जिले में बारिश के चलते 25 संपर्क सड़कें अवरुद्ध हैं। जबकि अधिकतर कस्बों में गांवों से ही दूध, सब्जी की सप्लाई होती है। सड़कों पर मलबा आने, दीवारें टूटने के कारण गांव से दूध, सब्जियां कस्बों तक नहीं पहुंच पा रही है। इतना ही नहीं बाजारों से जरूरी सामग्री भी अधिकतर गांवों में नहीं पहुंचने से ग्रामीण परेशान हैं। कई क्षेत्रों में तो प्रशासन व विभागों ने सड़कों को खोलने की कार्रवाई शुरू न की तो ग्रामीण खुद ही सड़कों को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं। सड़कों से पत्थर, मलबा हटाकर खुद ही वाहनों की आवाजाही करा रहे हैं।

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