जियोलाजिकल टीम ने किया रैणी गांव का सर्वेक्षण

रैणी गांव में भूस्खलन के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से गांव क्षेत्र का भूगर्भीय सर्वेक्षण कराया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 10:29 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 10:29 PM (IST)
जियोलाजिकल टीम ने किया रैणी गांव का सर्वेक्षण
जियोलाजिकल टीम ने किया रैणी गांव का सर्वेक्षण

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: रैणी गांव में भूस्खलन के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से गांव क्षेत्र का भूगर्भीय सर्वेक्षण कराया गया। साथ ही प्रभावित परिवारों के विस्थापन के लिए चिह्नित भूमि का भी जियोलॉजिकल टीम ने सर्वे किया। जियोलॉजिक सर्वे की आख्या आने के बाद विस्थापन की तैयारी की जाएगी। अतिवृष्टि से रैणी गांव में जोशीमठ-मलारी हाईवे का लगभग 40 मीटर हिस्सा भूस्खलन से जमींदोज हो गया था। इसके चलते चीन सीमा से जुडे़ गांवों के साथ ही सेना व आइटीबीपी की चौकियों का संपर्क कट गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा के ²ष्टिगत महत्वपूर्ण मोटर मार्ग होने के कारण यहां पर सड़क निर्माण किया जाना अत्यंत आवश्यक है। हिल साइड कटिग में जो भी भूमि भवन प्रभावित हो रहे थे, उनको बीआरओ ने पूरा मुआवजा देने का भरोसा दिया था। लेकिन गांव में भू-धंसाव एवं भूस्खलन के ²ष्टिगत जिला प्रशासन ने भू-गर्भीय सर्वे कराने के लिए देहरादून से जियोलॉजिकल टीम बुलाई। टीम ने तहसील प्रशासन के साथ रैणी गांव क्षेत्र तथा विस्थापन के लिए चिह्नित भूमि का सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया है। जिला प्रशासन के अधिकारी पहले दिन से ही रैणी गांव के निवासियों से उनकी समस्याओं और सुरक्षा को लेकर लगातार बातचीत कर रहे हैं और निरंतर संपर्क में बने हुए हैं। रैणी वल्ली के समीप जोशीमठ-मलारी राजमार्ग पर हुए भूस्खलन के कारण जिला प्रशासन ने वहां के ग्रामीणों का अस्थाई रूप से विस्थापन करते हुए रैणी चक लाता के राजकीय प्राथमिक विद्यालय एवं राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में रहने की व्यवस्था की है। इन विद्यालयों में प्रभावितों के लिए बिजली, पानी, रजाई, गद्दे, साफ-सफाई आदि सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। विगत दिवस को इन विद्यालयों में 13 लोग ठहरे थे। पहले ग्रामीणों के रहने की व्यवस्था राइंका तपोवन में की गई थी। परंतु ग्रामीणों ने गांव से दूर इस स्थान से अपने मवेशियों की देखभाल तथा खेतीबाड़ी की समस्या के कारण यहां पर रहने से इन्कार कर दिया था। रैणी गांव में जिस स्थान पर चिपको आंदोलन की नेत्री गौरा देवी की मूर्ति लगी थी, वह जगह भी असुरक्षित होने के कारण जिला प्रशासन ने गौरा देवी की मूर्ति को सम्मान सहित सुरक्षित रख दिया है। जल्द ही सुरक्षित स्थान पर गौरा देवी की थीम पर पार्क तैयार कर उसमें मूर्ति स्थापित की जाएगी। बीआरओ के सड़क कटिग कार्य से गांव को होने वाले संभावित खतरों को लेकर ग्रामीणों की चिता को लेकर संयुक्त मजिस्ट्रेट जोशीमठ कुमकुम जोशी ने बीआरओ के अधिकारियों से वार्ता की और सड़क निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखने की हिदायत दी। वहीं जियोलाजिकल टीम में जियोटेक एक्सपर्ट बी. वेंकटेश्वलरु, जियोलाजिस्ट जीवीआरजी आचारयुलु और स्लोप एस्टैबलाइजेशन एक्सपर्ट मनीष सेमवाल शामिल रहे।

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