ट्राली खराब होने से नदी के बीचोंबीच तीन घंटे तक फंसी रही चार महिलाएं

देवाल विकासखंड के लिगडी गांव की चार महिलाएं पिडर नदी पर बनी हाइड्रोलिक ट्राली खराब होने से तीन घंटे तक नदी के ऊपर अटकी रही। ग्रामीणों ने इसकी सूचना प्रशासन और लोनिवि थराली को दी और शीघ्र ट्राली ठीक करने की मांग की। तीन घंटे इंतजार के बावजूद जब कोई नहीं पहुंचा तो ग्रामीणों ने खुद रेस्क्यू कर रस्सियों के सहारे किसी तरह महिलाओं को बाहर निकाल कर राहत की सांस ली।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:41 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:41 PM (IST)
ट्राली खराब होने से नदी के बीचोंबीच तीन घंटे तक फंसी रही चार महिलाएं
ट्राली खराब होने से नदी के बीचोंबीच तीन घंटे तक फंसी रही चार महिलाएं

संवाद सूत्र, देवाल: देवाल विकासखंड के लिगडी गांव की चार महिलाएं पिडर नदी पर बनी हाइड्रोलिक ट्राली खराब होने से तीन घंटे तक नदी के ऊपर अटकी रही। ग्रामीणों ने इसकी सूचना प्रशासन और लोनिवि थराली को दी और शीघ्र ट्राली ठीक करने की मांग की। तीन घंटे इंतजार के बावजूद जब कोई नहीं पहुंचा तो ग्रामीणों ने खुद रेस्क्यू कर रस्सियों के सहारे किसी तरह महिलाओं को बाहर निकाल कर राहत की सांस ली।

क्षेत्र पंचायत सदस्य पान सिंह गडिया ने बताया कि गुरुवार सुबह आठ बजे लिगडी गांव की कमला देवी, नीमा देवी, मधुली देवी, मुन्नी देवी ट्राली में बैठकर घास काटने गोठोबगड नदी पार जा रहे थे। जैसे ही ट्राली नदी के बीच पहुंची वो अचानक रुक गई। इससे महिलाएं घबरा गई। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों की काफी कोशिश के बावजूद ट्राली आगे नहीं बढ़ी। इसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना लोनिवि थराली और प्रशासन को दी। ग्रामीण तीन घंटे तक इंतजार करते रहे, लेकिन कोई सरकारी नुमाइंदा मौके पर नहीं पहुंचा। इस बीच तीन घंटे तक चारों महिलाएं नदी के बीचोंबीच ट्राली में ही फंसी रही। हारकर ग्रामीणों ने खुद ही महिलाओं के रेस्क्यू का निर्णय लिया और रस्सियों के सहारे किसी तरह उन्हें बाहर निकाला। पान सिंह गडिया ने बताया कि वर्ष 2013 की आपदा में नदी पर बना झूला पुल बह गया था। आपदा को आठ वर्ष बीतने के बावजूद यहां पुल का निर्माण नहीं कराया गया। जबकि, ग्रामीण लंबे समय से पुल बनाने की मांग करते आ रहे हैं। नदी पर लगाई गई ट्राली अक्सर खराब ही रहती है। ग्रामीणों में शासन-प्रशासन के प्रति काफी नाराजगी है। वो 2022 में होने वाले चुनावों के बहिष्कार का मन भी बना चुके हैं। ग्रामीणों का मानना है कि पुल नहीं तो वोट भी नहीं।

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मामला संज्ञान में आया है। इसे लेकर लोनिवि से जानकारी मांगी गई है। ट्राली को जल्द ही ठीक कराया जा रहा है। नदी पर पुल को लेकर भी रिपोर्ट मांगी गई है।

हिमांशु खुराना, जिलाधिकारी चमोली

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