सर्वेक्षण पर अटका रैणी गांव का विस्थापन

संवाद सहयोगी गोपेश्वर चमोली जिले के आपदा प्रभावित रैणी तपोवन क्षेत्र के निवासियों की मुसीबतें

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 08:45 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 08:48 PM (IST)
सर्वेक्षण पर अटका रैणी गांव का विस्थापन
सर्वेक्षण पर अटका रैणी गांव का विस्थापन

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चमोली जिले के आपदा प्रभावित रैणी तपोवन क्षेत्र के निवासियों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। फरवरी माह की आपदा के जख्म अभी भरे भी नहीं है कि बारिश होते ही ऋषिगंगा और धौलीगंगा का बढ़ता जलस्तर चिंता का सबब बन गया है। अभी तो मानसून सिर पर है। आपदा को पांच माह भी बीत चुके हैं, लेकिन क्षतिग्रस्त भवनों की न तो मरम्मत हो पाई है और न ही गांव के विस्थापन की फाइल आगे बढ़ पाई है। ऐसे में ग्रामीणों में आक्रोश है, जबकि प्रशासन विस्थापन को लेकर सर्वेक्षण पर ही अटका हुआ है।

सात फरवरी को ऋषिगंगा में आई आपदा के चलते रैणी, तपोवन क्षेत्र में व्यापक नुकसान हुआ था। इस आपदा में रैणी गांव के कई ग्रामीण भी आपदा का शिकार बन गए थे, जबकि अधिकतर भवनों में दरार पड़ गई थी। ग्रामीण इन दरारों वाले घरों में ही किसी तरह रहने को मजबूर हैं। आपदा के दौरान प्रशासन व सरकार ने खुद गांव में पहुंचकर विस्थापन का भरोसा दिलाया था। लेकिन, आपदा को पांच माह होने को हैं और अभी तक प्रशासन आपदा प्रभावित रैणी गांव के सर्वेक्षण में ही अटका है।

इधर, चमोली जिले में बारिश के बाद ऋषिगंगा व धौलीगंगा नदी का जल स्तर भी लगातार बढ़ रहा है। इससे इन नदियों के किनारे बसे रैणी के ग्रामीणों की परेशानियां बढ़ गई है। ऐसे में ग्रामीण खतरे की आशंका को लेकर रातभर जाग रहे हैं। रैणी निवासी हरेंद्र सिंह राणा कहते हैं, सरकार ने आपदा के दौरान गांव के विस्थापन का भरोसा दिलाया था। कई घरों में दरारें पड़ी हैं। ग्रामीणों को जान का खतरा बना हुआ है। बरसात में नदी उफान पर आने के बाद ग्रामीण रातभर सुरक्षा के लिए रतजगा करने को मजबूर हैं। बताया कि पैदल मार्ग भी आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुए हैं। लेकिन, सरकार व प्रशासन अभी तक ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं।

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प्रशासन की ओर से रैणी गांव का सर्वेक्षण कर लिया गया है। इसकी रिपोर्ट जल्द ही शासन को भेजी जाएगी। इसके बाद विस्थापन को लेकर कार्रवाई की जाएगी।

नंदकिशोर जोशी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी

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