श्रीकृष्ण के जन्म से बाल लीलाओं का किया वर्णन

नंदप्रयाग में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सुनने के लिए दूर क्षेत्रों से भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रीमद्भागवत कथा के दौरान जहां भगवान की लीलाओं का आनंद श्रद्धालु उठा रहे हैं वहीं भजन कीर्तन से यह पूरा क्षेत्र पिछले कई दिनों से भक्तिमय हो रखा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 05:57 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 05:57 PM (IST)
श्रीकृष्ण के जन्म से बाल लीलाओं का किया वर्णन
श्रीकृष्ण के जन्म से बाल लीलाओं का किया वर्णन

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: नंदप्रयाग में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सुनने के लिए दूर क्षेत्रों से भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रीमद्भागवत कथा के दौरान जहां भगवान की लीलाओं का आनंद श्रद्धालु उठा रहे हैं वहीं भजन कीर्तन से यह पूरा क्षेत्र पिछले कई दिनों से भक्तिमय हो रखा है।

कथा में कथाव्यास विकास पंत ने श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित कई प्रसंगों का वर्णन किया। उन्होंने श्रीकृष्ण जन्म, नामकरण संस्कार, पूतना वध, संकटासुर वध के बारे में विस्तार से श्रद्धालुओं को अवगत कराया। कथाव्यास ने कहा कि भगवान हर युग में अपने भक्तों की रक्षा के लिए धरती पर अवतरित होते हैं। उन्होंने कहा कि द्वापर युग में भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण का रूप धारण कर राक्षसों का संहार कर अपने भक्तों की रक्षा की। पूतना का प्रसंग सुनाते उन्होंने कहा कि जब बचपन में पूतना राक्षसी भगवान श्रीकृष्ण का वध करने आई। इसी प्रकार भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में कई राक्षसों का संहार कर अपने भक्तों की रक्षा कर राक्षसों को भी इस लोक से मुक्ति दिलाई। इस अवसर पर लखपत सिंह चौहान, शक्तिपाल चौहान, दीपक चौकान, रमन चौहान, अनिल कठैत, हेमंत कठैत, हरीश रौतेला, जयकृत मनराल, शैलेंद्र बिष्ट, तेजवीर कंडेरी, नरेंद्र कठैत आदि उपस्थित रहे। कथा के दौरान भाष्करानंद चमोला, ओमप्रकाश जोशी, भगवती प्रसाद सती, अनुसूया प्रसाद ममगांई, वेद सती, विजय ममगार्इं पूजा अर्चना की कमान संभाल रहे हैं।

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कैप्शन। नंदप्रयाग में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथा वाचन करते कथाव्यास विकास पंत। जागरण

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कैप्शन। नंदप्रयाग में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में उपस्थित श्रद्धालु। जागरण

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