भूस्खलन से सहकारी समिति का भवन खतरे में
पहाड़ में बारिश से मुश्किलें बरकरार हैं। भूस्खलन के कारण 250 से ज्यादा ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हैं जबकि 500 से ज्यादा गांव का संपर्क मुख्य मार्ग से कटा पड़ा है।
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: गुरुवार रात से शुरू हुई बारिश कुछ देर रुकने के बाद रविवार अपराह्न से फिर शुरू हो गई। बारिश के चलते कर्णप्रयाग-ग्वालदम, कर्णप्रयागा-बदरीनाथ सहित कर्णप्रयाग-गैरसैंण राजमार्गों पर जगह-जगह भूस्खलन होने से आवागमन थम गया, वहीं कई वाहन जाम में फंसे गए, हालांकि प्रशासन ने जेसीबी की मदद से वाहनों की आवाजाही सुचारू करा दी थी, लेकिन दोपहर बाद एकाएक तेज बारिश से मलबा व पत्थरों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया। वहीं अपर बाजार सहकारी भवन के नीचे लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते भवन को खाली करा दिया गया। उपजिलाधिकारी वैभव गुप्ता ने आपदा क्षेत्र का निरीक्षण कर जरूरी निर्देश दिए।
कर्णप्रयाग में अलकनंदा व पिडर नदियां उफान पर होने से पुलिस प्रशासन रातभर मुनादी कर नदी तट व भूस्खलित क्षेत्र में रहने वालों को सतर्क करता रहा। जलस्तर बढ़ने से नमामि गंगे के तहत करोड़ों रुपये से पोखरी पुल व संगम पर तैयार शवदाह व स्नानाघाट, शौचालय पानी में जलमग्न हो गए और सुरक्षा को लगी स्टील की गार्डर पानी के तेज बहाव में क्षतिग्रस्त हो गई, वहीं बीते वर्ष नगर के सात नालों को टैप कर तैयार सीवर प्लांट के पाइप, चैंबर मलबे से भर गए जबकि सीवर प्लांट के भीतर भी पानी प्रवेश कर गया, जिससे शुरूआती समय से नमामि गंगे के तहत हो रहे निर्माण पर सवाल उठा रहे जनप्रतिनिधि सही साबित हुए।
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मकान और दुकान में घुसा मलबा
भूस्खलन से अन्य तीन भवनों को भी खतरे की आशंका के मद्देनजर प्रशासन ने खाली कराकर सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की है। सहकारी समिति भवन के नीचे हुए भूस्खलन की आवाज से समीप रहने वाले दहशत में बाहर निकले तो देखा कि अपर बाजार जाने वाले पैदल रास्ते से लगे जीपी डिमरी के भवन व दुकान में मलबा घुस आया है जबकि समीप ही विनोद अग्रवाल, अनिल अग्रवाल सहित अधिवक्ता सुधा के मकान, संजय डंडरियाल के निर्माणाधीन भवन में मलबा बुरी तरह भर गया है। अस्पताल जाने वाला पैदल रास्ता भी बंद हो गया। सहकारी समिति के भवन की बुनियाद ढ़ह जाने से अविलंब इसकी सूचना प्रशासन को दी गई और सुबह तहसीलदार सोहन सिह रांगड, राजस्व उपनिरीक्षक हरीश पोखरियाल ने पालिका भवन में राशन व सामान रखने की व्यवस्था कर इसके समीप भवन में रहने वालों की व्यवस्था राइंका कर्णप्रयाग में की। बताया कि भवन पिछले साल बरसात के दौरान भूस्खलन से खतरे की जद में था। तहसीलदार सोहन सिंह रांगड ने कहा अतिवृष्टि के चलते नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी तट पर रहने वाले व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है।