चमोली में भूस्खलन होने से दुल्हन के घर नहीं पहुंच पाई बरात, पढ़िए पूरी खबर

शुक्रवार सुबह मदनी-चंद्रापुरी (रुद्रप्रयाग) से नारायणबगड़ (चमोली) के भुल्याड़ा (कौब) गांव गई जिस बरात को दुल्हन लेकर शाम को वापस लौटना था वह भूस्खलन से दो जगह हाइवे बंद होने के कारण शनिवार को भी भुल्याड़ा नहीं पहुंच पाई।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 06:05 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 06:05 AM (IST)
चमोली में भूस्खलन होने से दुल्हन के घर नहीं पहुंच पाई बरात, पढ़िए पूरी खबर
कर्णप्रयाग ग्वालदम हाईवे पर आमसौड़ में शनिवार को फंसे यात्रियों को खाने के पैकेट देते प्रशासन की टीम।

देवेंद्र रावत, गोपेश्वर(चमोली)। पर्वतीय क्षेत्र में बारिश किस कदर मुसीबत ढा रही है, मांगलिक आयोजनों में इसकी बानगी देखी जा सकती है। शुक्रवार सुबह मदनी-चंद्रापुरी (रुद्रप्रयाग) से नारायणबगड़ (चमोली) के भुल्याड़ा (कौब) गांव गई जिस बरात को दुल्हन लेकर शाम को वापस लौटना था, वह भूस्खलन से दो जगह हाइवे बंद होने के कारण शनिवार को भी भुल्याड़ा नहीं पहुंच पाई। ऐसे में बरातियों ने वाहनों में ही भूखे-प्यासे रात गुजारी और शनिवार दोपहर बाद एक तरफ हाइवे खुलने पर कर्णप्रयाग लौट आए। देर शाम दूसरी ओर से भी हाइवे खुल गया तो भुल्याड़ा से दुल्हन के साथ दस-बारह स्वजन 19 किमी पैदल चलकर कर्णप्रयाग पहुंचे। वहीं विवाह की रस्म संपन्न कराई जा रही है।

भुल्याड़ा निवासी सुपिया लाल की बेटी कविता की शादी मदनी-चंद्रापुरी निवासी गोकुल लाल के पुत्र चंद्रशेखर के साथ तय थी। अगस्त्यमुनि से बरात शुक्रवार सुबह भुल्याड़ा के लिए रवाना हुई। लेकिन, इसी बीच कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाइवे भारी भूस्खलन के कारण आमसौड़ में बंद हो गया। यहां से भुल्याड़ा की दूरी 19 किमी है। यह स्थिति देख दूल्हे को पैदल ही भुल्याड़ा भेजने की रणनीति बनी, लेकिन आमसौड़ के पास हाइवे पर एक भारी-भरकम चट्टान ने राह रोक ली। यहां पहाड़ी से लगातार पत्थर भी गिर रहे थे। कौब के प्रधान लक्ष्मण कुमार ने बताया कि बरातियों को शाम तक हाइवे खुलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया।

विडंबना देखिए कि इस बीच आमसौड़ से पांच किमी दूर कर्णप्रयाग की ओर शिव मंदिर के पास भी भूस्खलन होने से हाइवे बंद हो गया। ऐसे में बराती कर्णप्रयाग भी नहीं लौट पाए और उन्होंने वहीं जंगल के बीच वाहनों में ही रात गुजारी। इतना ही नहीं शनिवार को भी दोपहर तक हाइवे नहीं खुल पाया।

तहसीलदार कर्णप्रयाग सोहन सिंह राणा ने बताया कि बरात फंसने की जानकारी मिलने पर प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और शाम तक सभी बरातियों को सुरक्षित कर्णप्रयाग पहुंचा दिया गया। साथ ही उनके लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई। उन्होंने यह भी बताया कि देर शाम पगडंडी मार्ग से दुल्हन भी स्वजन के साथ कर्णप्रयाग पहुंच गई थी।

जेसीबी से आदि बदरी पहुंचाए बराती

शुक्रवार रात लगभग एक बजे भूस्खलन के चलते चमोली जिले में गैरसैंण-कर्णप्रयाग हाइवे भी खेती के पास बंद हो गया। ऐसे वहां भी एक बरात फंस गई। प्रशासन को जब इसकी सूचना मिली तो बरातियों को जेसीबी से आदि बदरी पहुंचाया गया।

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