पारा चढ़ने के साथ ही सूखने लगे हलक
संवाद सूत्र कर्णप्रयाग गर्मी बढ़ने के साथ नगरपालिका क्षेत्र सहित ग्रामीण अंचलों में पेयजल संकट
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: गर्मी बढ़ने के साथ नगरपालिका क्षेत्र सहित ग्रामीण अंचलों में पेयजल संकट बढ़ने लगा है। नाराज उपभोक्ताओं ने पेयजल आपूर्ति सुचारू करने की मांग करते हुए जल संस्थान कार्यालय में ज्ञापन सौंपा है। साथ ही मांग का निराकरण न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
आइटीआइ वार्ड निवासी किशोरी प्रसाद ने कहा कि सप्ताहभर से पेयजल किल्लत की समस्या बनी है, लेकिन अधिकारीगण बहानेबाजी कर पल्ला झाड़ रहे हैं। इसके कारण उन्हें समीप के स्त्रोतों से पानी ढोना पड़ रहा है। इसी तरह देवतोली, पंप परिसर व मुख्य बाजार में भी अनियमित आपूर्ति से उपभोक्ता परेशान हैं। उपभोक्ता बिरेंद्र सिंह, विनोद पुरोहित, गिरीश चंद्र नौटियाल, मोहन प्रसाद, राजेंद्र सिंह ने कहा कि दो साल पहले जल संस्थान ने छह किमी दूर कालेश्वर में नौ करोड़ की लागत से लिफ्ट पेयजल योजना का निर्माण शुरू कराया था। उनका कहना था कि योजना से 10 हजार की आबादी को लाभ मिलेगा। लेकिन, योजना पांच हजार की आबादी के हलक भी तर नहीं कर सकी है। पुरानी पेयजल योजनाओं घटगाड, चट्टवापीपल के स्रोतों पर घटता जलस्तर संस्थान अधिकारियों के पसीने छुड़ाने लगा है और यात्राकाल से पहले सूखे हैंडपंपों को ठीक नहीं किया जा सका है। इसी तरह विकासखंड कर्णप्रयाग के सिरण, कपीरी पट्टी के दर्जनभर से अधिक गांवों एवं चांदपुर पट्टी के बगोली, कोलसों, सीरी, भकुंडा, आमपुर, सिरण व पोखरी विकासखंड के बमोथ में जारी पेयजल की अनियमित आपूर्ति से पेयजल संकट बना है। सिरण गांव के पूर्व प्रधान प्रमोद नौटियाल, बमोथ के प्रकाश रावत ने कहा कि 500 से अधिक की आबादी के गांवों में एक ओर हर घर नल का दावा सरकार कर रही है। लेकिन, एक वक्त पानी क्षेत्रवासियों व उनके मवेशियों को उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। कहा कि यदि शीघ्र पेयजल आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो जल संस्थान कार्यालय का घेराव किया जाएगा। इस संबंध में जल संस्थान के अवर अभियंता जेएस बिष्ट ने कहा कि नगर व ग्रामीण क्षेत्र से पानी की अनियमित आपूर्ति की शिकायतें मिल रही हैं। स्त्रोतों पर घटता जलस्तर पेयजल संकट बढ़ा रहा है। मोटर मार्ग से लगे आवासीय क्षेत्रों तक पानी टैंकरों से पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।