Indo China Border News: थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने चीन सीमा पर चौकियों का किया हवाई निरीक्षण
Indo China Border News थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने माणा पास स्थित भारत चीन सीमा का हवाई निरीक्षण किया। बुधवार सुबह थल सेना अध्यक्ष नरवाने के हैलीकॉप्टर को बदरीनाथ के माणा में सेना के हैलीपैड पर उतरना था। लेकिन उनके हैलीकाप्टर ने यहां लैंडिंग नहीं की।
गोपेश्वर (चमोली), जेएनएन। Indo China Border News सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने बुधवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा पास से लगी सीमांत चौकियों का हवाई निरीक्षण किया। इसके बाद जोशीमठ में सैन्य अधिकारियों न जवानों से मुलाकात की। सीमा की स्थिति की जानकारी लेने के साथ ही उन्होंने परिचालन संबंधी (ऑपरेशनल) तैयारियों की समीक्षा की। वहीं, जवानों का हौसला भी बढ़ाया।
बुधवार सुबह करीब 11:50 बजे जनरल नरवाने के हेलीकॉप्टर को माणा में सेना के हेलीपैड पर उतरना था। इसके लिए हेलीपैड पर पूरी तैयारियां की गईं थी, लेकिन हेलीकॉप्टर यहां लैंड करने के बजाय माणा पास से लगी सीमा चौकियों के निरीक्षण को रवाना हो गया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सेनाध्यक्ष ने चीन सीमा से लगी भारत की अग्रिम चौकियों नीति पास और रिमखिम का भी हवाई निरीक्षण किया।
इसके बाद वह ब्रिगेड हेडक्वार्टर जोशीमठ पहुंचे। जानकारी के अनुसार जनरल नरवाने दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे हैं। वह गुरुवार को भी सीमा का निरीक्षण कर सकते हैं। उत्तराखंड का यह सीमांत क्षेत्र किस कदर संवेदनशील है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2014 से 2018 तक चमोली जिले की मलारी घाटी में स्थित बाड़ाहोती में 10 बार चीनी सैनिक घुसपैठ कर चुके हैं। हालांकि हर बार चीनियों के मंसूबों को अग्रिम मोर्चे पर तैनात भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और भारतीय सेना के जवानों ने नाकाम कर दिया।
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव के बाद उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में सेना पूरी तरह मुस्तैद है। भारत-चीन के बीच उत्तराखंड में 345 किमी लंबी सीमा है। पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी के सीमावर्ती क्षेत्र चीन सीमा से सटे हैं। चीन संग जारी तनाव के बीच उत्तराखंड में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी कड़ी कर दी गई है।
सेना और आइटीबीपी के साथ-साथ वायुसेना भी अलर्ट पर है। सुरक्षा की तैयारियों के बीच वायु सेना उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में अपना एडवांस लैंडिंग ग्राउंड भी मजबूत करने जा रही है। वायु सेना ने उत्तराखंड सरकार से एयरस्टिप और रडार लगाने के लिए जमीन मांगी है।
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