जेल सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है सरकार

जनपद चमोली व रुद्रप्रयाग के सजायाफ्ता व विचाराधीन बंदियों के लिए बनी जिला जेल में सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 04:26 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 04:26 PM (IST)
जेल सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है सरकार
जेल सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है सरकार

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: जनपद चमोली व रुद्रप्रयाग के सजायाफ्ता व विचाराधीन बंदियों के लिए बनी जिला कारागार पुरसाड़ी को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। जिला कारागार में बंदियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे अभी तक नहीं लगाए गए हैं। दूरसंचार कनेक्टिविटी को रोकने के लिए लगने वाला जैमर भी कारागार में उपलब्ध नहीं है।

वर्ष 1999 में भूकंप के बाद चमोली के पुराने कारागार को पुरसाड़ी में शिफ्ट किया गया था। यहां पर हाईवे से लगी जमीन पर जिला कारागार का निर्माण किया गया। हाईवे से भी दिनभर जेल के अंदर या बैरक की गतिविधियां देखी जा सकती हैं। वर्ष 2011 में कारागार में विचाराधीन व सजायाफ्ता बंदियों को रखा जाना शुरू हो गया था। बताया गया कि जेल प्रशासन की ओर से जेल में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए पत्राचार किया जा रहा है। इसका सर्वे भी हो चुका है। 55 सीसीटीवी कैमरे लगने हैं। लेकिन, बजट न होने के कारण कैमरे नहीं लग पाए हैं।

कुख्यात अपराधी रहते हैं इस कारागार में

जिला कारागार में चमोली, रुद्रप्रयाग के सजायाफ्ता बंदियों के अलावा बाहरी जेलों से कुख्यात अपराधी भी यहां स्थानांतरित कर भेजे गए हैं। वर्तमान समय में इस जेल में देहरादून का कुख्यात अपराधी जितेंद्र उर्फ जित्ती मौजूद है। जो हत्या के मामले में डेढ़ वर्ष से इस जेल में सजा काट रहा है। जबकि पूर्व में मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के सजायाफ्ता संतोष राय, कालागढ़ थाने को जलाने के आरोपित मिटू चौधरी, रुड़की के कुख्यात अपराधी प्रवीन बाल्मीकि यहां रह चुके हैं।

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जिला कारागार में सीसीटीवी कैमरे व जैमर लगाने की कार्ययोजना बनाकर प्रस्ताव उच्चाधिकारियों को भेजा गया था। जैमर के साथ 55 से अधिक स्थानों पर सुरक्षा की ²ष्टि से सीसीटीवी कैमरे लगने थे। इसका निरीक्षण कर अति आवश्यक बताते हुए प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन कार्ययोजना अभी स्वीकृत नहीं हुई है।

प्रमोद कुमार पांडे, जेल अधीक्षक

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