50 फीसद धनराशि भी खर्च नहीं कर पाए विभाग, सीडीओ ने फटकारा
जिला योजना के तहत अवमुक्त धनराशि को सरकारी महकमे खर्च नहीं कर पा रहे हैं।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: जिला योजना के तहत अवमुक्त धनराशि को सरकारी महकमे खर्च नहीं कर पा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग, सिचाई, जल संस्थान, वन विभाग, रेशम, उद्यान, उद्योग एवं मत्स्य विभाग की ओर से अभी तक 50 फीसद धनराशि भी व्यय नहीं की जा सकी है। जिला योजना की समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने इन विभागों के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए हर हाल में जल्द से जल्द अवमुक्त धनराशि खर्च करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय सभागार में सीडीओ वरुण चौधरी ने जिला योजना की समीक्षा बैठक ली। सीडीओ ने जिला योजना के अंतर्गत संचालित विकास कार्यो को गुणवत्ता के साथ जल्द से जल्द पूरा करते हुए अवमुक्त धनराशि को शत-प्रतिशत व्यय करने को कहा। बैठक में बताया गया कि लोक निर्माण विभाग, सिचाई, जल संस्थान, वन, रेशम, उद्यान, उद्योग एवं मत्स्य विभागों की ओर से जिला योजना में अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष अभी तक 50 प्रतिशत से कम व्यय की गई है। इस पर सीडीओ ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को फटकारा और कहा कि विकास कार्यों में तेजी लाते हुए शत-प्रतिशत धनराशि व्यय करें। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी विभाग 15 सितंबर तक अनिवार्य रूप से प्रगति रिपोर्ट पेश करें। बैठक में अर्थ एवं संख्याधिकारी ने बताया कि जिला योजना के अंतर्गत अनुमोदित परिव्यय 5190 लाख के सापेक्ष 3714 लाख धनराशि विभागों को अवमुक्त की गई है। इसमें अभी तक 56.26 प्रतिशत धनराशि विभागों की ओर से व्यय कर ली है। लोक निर्माण विभाग ने 28.20 प्रतिशत, जल संस्थान 44.44 प्रतिशत, उरेडा 34.89 प्रतिशत, लघु सिचाई 10.67 प्रतिशत, वन विभाग 12.50 प्रतिशत, राजकीय सिचाई 8.07 प्रतिशत, समाज कल्याण 33.33 प्रतिशत, उद्यान 38.11 प्रतिशत, मत्स्य 46.83 प्रतिशत, रेशम प्रतिशत 28.96 तथा उद्योग विभाग ने 46.96 प्रतिशत ही व्यय किया है, जबकि अन्य विभागों की ओर से 60 प्रतिशत से अधिक व्यय कर लिया गया है।