Badrinath Yatra 2020: बदरीनाथ में तुलसी माला न बिकने से 1500 ग्रामीण मायूस, प्रसाद ले जाने की है मनाही

Badrinath yatra 2020 धाम में दर्शनों के दौरान प्रसाद ले जाने की मनाही तुलसी माला आजीविका से जुड़े ग्रामीणों पर भारी पड़ रही है।

By Edited By: Publish:Thu, 23 Jul 2020 10:28 PM (IST) Updated:Fri, 24 Jul 2020 03:03 PM (IST)
Badrinath Yatra 2020: बदरीनाथ में तुलसी माला न बिकने से 1500 ग्रामीण मायूस, प्रसाद ले जाने की है मनाही
Badrinath Yatra 2020: बदरीनाथ में तुलसी माला न बिकने से 1500 ग्रामीण मायूस, प्रसाद ले जाने की है मनाही

गोपेश्वर(चमोली), देवेंद्र रावत। Badrinath yatra 2020 बदरीनाथ धाम में दर्शनों के दौरान प्रसाद ले जाने की मनाही तुलसी माला आजीविका से जुड़े ग्रामीणों पर भारी पड़ रही है। यही वजह है कि यात्रा सीजन में तुलसी माला बेचकर लाखों का कारोबार करने वाली पांडुकेश्वर समेत आसपास के गांवों की महिलाएं मंदिर खुलने के बाद भी मायूस हैं। स्थिति यह है मालाएं उपलब्ध होने के बावजूद कोरोना संक्रमण के भय से कोई उन्हें खरीदने को तैयार नहीं है। 

श्री बदरीनाथ धाम में भगवान नारायण के श्रृंगार वन तुलसी की माला से होता है। बदरीनाथ के आसपास के जंगल में ओरिगनम बल्गर प्रजाति की दुर्लभ तुलसी पाई जाती है। भगवान की नित्य पूजा में इसी तुलसी का उपयोग होता है। मान्यता है कि बदरीनाथ धाम में मौजूद तुलसी मां लक्ष्मी का ही प्रतिरूप है। यही कारण है कि बिना तुलसी के भगवान बदरी नारायण की पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए इसे बदरी तुलसी भी कहते हैं। 
बदरीनाथ धाम में नारायण पर्वत पर मनांग, देवदर्शनी, रड़ांग बैंड, बामणी गांव, वसुधारा, माणा गांव, नाग-नागिन, इंद्रधारा, चरण पादुका, हनुमानचट्टी और सरों इस तुलसी के प्रमुख स्रोत हैं। यात्रा सीजन में इसी तुलसी के पत्तों की बनी माला बेचकर माणा, बामणी और आसपास के गांवों के करीब 1500 के लोग रोजगार प्राप्त करते हैं। इससे उनकी 20 लाख रुपये तक की आय हो जाती है। लेकिन, कोरोना संक्रमण के चलते इस बार मंदिर में प्रसाद ले जाने की मनाही है। इससे ग्रामीणों के सामने रोजी का संकट खड़ा हो गया है। बामणी गांव की विजया देवी बताती हैं कि ग्रामीणों ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड और प्रशासन के सामने तुलसी की माला खरीदने की गुहार भी लगाई। लेकिन, इसका कोई नतीजा नहीं निकला।
20 से 50 रुपये तक एक माला की कीमत 
बदरीनाथ धाम में विष्णु घाटी कृषक उत्पादक संगठन भी तुलसी की माला बेचने का काम करता है। संगठन के अजीत नेगी बताते हैं एक माला 20 से लेकर 50 रुपये तक की बिकती है। अगर आपको लगातार एक माह तक भगवान को माला अर्पित करनी है, तो इसकी कीमत 601 से लेकर 1501 रुपये तक है।
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