एक गांव ऐसा भी जहां, कोरोना की नो एंट्री

बेहतर खान-पान और मेहनत से चामी गांव में कोरोना की नो एंट्री अभी तक है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 04:33 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 04:33 PM (IST)
एक गांव ऐसा भी जहां, कोरोना की नो एंट्री
एक गांव ऐसा भी जहां, कोरोना की नो एंट्री

बेहतर खान-पान और मेहनत से चामी गांव में कोरोना की नो एंट्री -ग्राम प्रधान और लोगों के बेहतर तालमेल से गांव खुशहाल -अब तक लौटे 50 प्रवासी गांव, सभी को रखा गया पंचायत घर में

फोटो-17बीएजीपी-3,4,5,6,7------ घनश्याम जोशी, बागेश्वर: जिला मुख्यालय से महज 11 किमी दूर प्रकृति की गोद में बसा चामी गांव अभी तक कोरोना से मुक्त है। यहां के लोगों को खान-पान, मेहनत, मजदूरी और मेल-जोल कोरोना की एंट्री गांव में नहीं होने दे रहा है। ग्राम प्रधान और पूर्व ग्राम प्रधान के अलावा एक सामाजिक कार्यकर्ता के प्रयास से गांव खुशहाल और विकास की गति को पकड़ रहा है। चामी गांव की जनसंख्या लगभग 700 है। ग्रामीणों का मुख्य पेशा कृषि, पशुपालन आदि है। चामी के पांडे परिवार पंडिताई का काम करते हैं। कुछ लोग नौकरी के लिए महानगरों में भी रह रहे हैं। जबकि अनुसूचित जाति के परिवार खेती के अलावा नौकरी पेशा हैं। पिछले लाकडाउन में 30 प्रवासी घर लौटे। 15 दिन पंचायत घर और प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में क्वारंटाइन की अवधि पूरी करने के बाद घर में प्रवेश किया। बीच में स्थिति सामान्य होने पर 25 प्रवासी लौट गए। लेकिन वह अभी घर वापस नहीं आए। जबकि इसबीच फिर कोरोना संक्रमण बढ़ने से 20 प्रवासी घर आए हैं। कुछ क्वारंटाइन अवधि काट रहे हैं और कुछ ने पूरी कर ली है। 15 दिन पूर्व स्वास्थ विभाग की टीम ने गांव में कोरोना की जांच के लिए शिविर आयोजित किया। जिसमें कोई भी ग्रामीण पॉजिटिव नहीं आया। अलबत्ता अभी तक चामी गांव के लोगों ने गाइडलाइन का पालन करते हुए कोरोना की एंट्री नहीं होने दी है। ---------- प्रवासी कर रहे खेतीबाड़ी दिल्ली से लौटे अजय कुमार, भूपाल राम, मुंबई से आए केशर राम, हिमांशु आर्य, हल्द्वानी से चंपा देवी, करन कुमार समेत 20 प्रवासियों ने कहा कि वह अभी घर पर ही रहेंगे। खेतीबाड़ी और पशुपालन से आíथक संकट दूर करेंगे। इसके अलावा मनेरगा के तहत मजदूरी आदि के लिए भी आवेदन करेंगे। -वर्जन- गांव में वर्तमान में 20 प्रवासी लौटे हैं। जिन्हें गाइडलाइन के अनुसार क्वारंटाइन किया जा रहा है। गुड़गांव, दिल्ली, मुंबई आदि स्थानों से आए प्रवासियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। गांव को सैनिटाइज किया जा रहा है। लोगों को सुरक्षित रहने के टिप्स दिए जा रहे हैं। अभी तक गांव में कोई भी पॉजिटिव केस नहीं है। -ममता देवी, ग्राम प्रधान, चामी। ----------- प्रवासियों के लिए गांव में व्यवस्था की गई है। जिसके पास घर में अलग कमरा नहीं है। उन्हें पंचायत घर में क्वारंटाइन किया जा रहा है। गांव की खुशहाली और कोरोना की नो-एंट्री के हरसंभव प्रयास हो रहे हैं। -महीप पांडे, पूर्व प्रधान, चामी। ---------- मेरा काम लोगों को गीतों के जरिए जागरूक करना है। मैं कुमाऊंनी गीत लिखता हूं और उन्हें गाता भी हूं। मास्क, सैनिटाइजर आदि वितरित भी कर रहा हूं। शारीरिक दूरी, मास्क और साबुन से लोगों को हाथ धोने के लिए प्रेरित कर रहा हूं। -सुंदर लाल, सामाजिक कार्यकर्ता।

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