तीनों बिल वापस होने पर किसानों में खुशी की लहर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार की सुबह केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून वापस लेने का एलान कर दिया। जिस पर किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जिले में सवाल संगठन ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया था।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 03:53 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 03:53 PM (IST)
तीनों बिल वापस होने पर किसानों में खुशी की लहर
तीनों बिल वापस होने पर किसानों में खुशी की लहर

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार की सुबह केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून वापस लेने का एलान कर दिया। जिस पर किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जिले में सवाल संगठन ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया था। सवाल संगठन ने इसे किसानों की जीत बताया है। हालांकि जिले में अन्य किसानों ने प्रधानमंत्री की पहल का स्वागत किया है। अंतत: प्रधानमंत्री को तीनों किसान कानून वापस लेने की घोषणा करनी ही पड़ी। यदि यही घोषणा उस रोज हो जाती, जिस रोज इस कानून को स्थगित रखने की घोषणा की गई थी। तो करीब 750 किसानों की शहादत के अलावा लखीमपुर-खीरी का नरसंहार भी नहीं होता। उम्मीद है कि एमएसपी कानून बनाने पर भी सरकार झुकेगी।

- रमेश कृषक पांडे, अध्यक्ष, सवाल संगठन

किसान 11 महीने से आंदोलन कर रहे थे। कई किसान शहीद भी हुए हैं। उनकी शहादत का भी केंद्र को हिसाब देना होगा। किसानों के आंदोलन के सामने केंद्र सरकार हार गई है। यह निर्णय बहुत पहले हो जाना चाहिए था। शहीद किसानों के स्वजनों को अब सरकार को मदद करनी होगी। ताकि वह परिवार भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे। - भास्कर तिवारी, महासचिव, सवाल संगठन

भाजपा हमेशा किसानों की हितैषी रही है। केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार को किसानों की चिता है। एक साल तक अराजक तत्वों ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को भड़काने का काम किया। किसान समझ नहीं पा रहे थे। अब प्रधानमंत्री ने विवाद की जड़ ही समाप्त कर दी। - शिव सिंह बिष्ट, जिलाध्यक्ष, भाजपा

कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुआ किसानों का आंदोलन अब तक जारी है। एक साल पहले यानी 17 सितंबर 2020 को ये तीनों कानून संसद में पास हुए थे। प्रधानमंत्री ने देर से निर्णय लिया है। विधानसभा चुनाव होने हैं। किसानों को खुश करने के लिए यह निर्णय है। लेकिन किसानों ने जो सहा है, वह भाजपा को माफ नहीं करेंगे। -लोकमणि पाठक, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले को किसानों ने अपनी सबसे बड़ी जीत बताया। जिला किसान संगठन ने इसे किसानों की सबसे बड़ी जीत करार दिया है। - राजेंद्र प्रसाद, जिलाध्यक्ष, किसान संगठन

किसान लंबे समय से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे। सरकार ने किसानों की बात मान ली। यह स्वागतयोग्य कदम है। यह सबसे बड़ी जीत है। अब केंद्र व राज्य सरकार को बंदरों व जंगली सुअरों की समस्या के लिए धरातल पर ठोस उपाय करने चाहिए। - भूपाल सिंह, प्रगतिशील काश्तकार

chat bot
आपका साथी