सीमी-नरगोल गांव की बंजर भूमि उगल रही पैसा

बागेश्वर में कोरोना ने लोगों की दिक्कतें बढ़ाई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 04:49 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 04:49 PM (IST)
सीमी-नरगोल गांव की बंजर भूमि उगल रही पैसा
सीमी-नरगोल गांव की बंजर भूमि उगल रही पैसा

फोटो-18बीएजीपी-11,12----- जागरण संवाददाता, बागेश्वर: कोरोना ने लोगों की दिक्कतें बढ़ाई हैं। लेकिन पहाड़ के युवाओं ने कोरोना को मात देने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन की ठानी है। इसके चलते बंजर भूमि पैसा उगल रही है और स्वरोजगार का साधन भी पॉपुलर के पेड़ बनने लगे हैं। अलबत्ता गांव के अन्य युवक भी पौधारोपण के लिए प्रेरित हो रहे हैं। पिछले वर्ष मार्च से कोरोना ने रोजगार के साधनों पर सेंध लगाई है। लेकिन पहाड़ के युवा स्वरोजगार अपना कर जहां पहाड़ की आबोहवा को शुद्ध करने में जुटे हैं, वहीं, उनका पौधारोपण से आíथकी भी सुधारने का लक्ष्य है। सिमी नरगोल गांव निवासी युवक चंद्रशेखर पांडे ने गांव की बंजर भूमि पर पॉपलर के पौध लगाए गए हैं। पहाड़ में पॉपलर के पेड़ उगना आíथकी के लिए बेहतर माना जा रहा है। कागज और माचिस की तीलियां बनाने के काम पॉपुलर आता है। पेड़ को छह साल में काटा जाता है। एक स्वस्थ पेड़ लगभग साढ़े तीन हजार तक बिक जाता है। लालकुआं स्थित सेंचुरी पेपर मिल और जाफरपुर, रुद्रपुर स्थित विमको माचिक फैक्ट्री में इसकी भारी डिमांड भी है। चंद्रशेखर पांडे ने च्योलीकोट नर्सरी से दस से 15 रुपये प्रति पौध खरीदे। दिसंबर से फरवरी अंत का पॉपुलर के पौध का रोपण होता है। उन्होंने बताया कि स्वरोजगार के लिए पौधारोपण कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। बंजर भूमि में भी यह पेड़ बेहतर होते हैं और पानी की जरूरत नहीं होती है। इसबीच पॉपलर के पेड़ों में पत्ते आ गए हैं और चार वर्ष पूर्व 16 नाली बंजर भूमि में पौधारोपण किया था। लेकिन जंगली जानवरों और आग लगने के कारण चार नाली भूमि में 65 पेड़ हैं। -वर्जन- गांव के अन्य युवा भी प्रेरित हो रहे हैं। कोरोनाकाल में प्राइवेट नौकरी करने वाले बीस युवा गांव लौटे हैं। उनके साथ मिलकर पौधा रोपण का लक्ष्य रखा गया है। लगभग 20 नाली बंजर भूमि में इस बार पौधारोपण का लक्ष्य है।पॉपलर नकदी फसल है और पर्यावरण संरक्षण के अन्य प्रजाति के पौध भी लगा रहे हैं। -चंद्रशेखर पांडे, काश्तकार, सीमी नरगोल, बागेश्वर।

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