स्कूलों से शिक्षक गायब, इंटरनेट मीडिया से पहुंची आवाज

कपकोट के दूरस्थ क्षेत्रों में अध्यापकों की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। क्षेत्र के जागरूक लोगों ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से प्रशासन तक अपनी आवाज पहुंचाई है। कई लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया देकर लापरवाह अध्यापकों की जमकर खिचाई भी की है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Nov 2021 04:41 PM (IST) Updated:Wed, 17 Nov 2021 04:41 PM (IST)
स्कूलों से शिक्षक गायब, इंटरनेट मीडिया से पहुंची आवाज
स्कूलों से शिक्षक गायब, इंटरनेट मीडिया से पहुंची आवाज

जासं, बागेश्वर : कपकोट के दूरस्थ क्षेत्रों में अध्यापकों की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। क्षेत्र के जागरूक लोगों ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से प्रशासन तक अपनी आवाज पहुंचाई है। कई लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया देकर लापरवाह अध्यापकों की जमकर खिचाई भी की है। सुदूरवर्ती क्षेत्रों में जरूरत का सामान आदि नहीं मिलने पर अधिकतर शिक्षक जिला मुख्यालय या फिर विकास खंड में रहना पसंद करते हैं। जिस कारण शिक्षकों की ड्यूटी आदि पर अभिभावक सवाल खड़े करते रहे हैं। इसबीच पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष मोहन सिंह कोरंगा ने इंटरनेट मीडिया में पोस्ट डाली है। जिस पर सरकार की नीतियों को आइना दिखाने वाले कुछ अध्यापकों की करतूतों का जिक्र है। पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। जिससे ग्रामीण अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए गांव से बाहर जा रहे हैं। कहा कि जूनियर हाईस्कूल रमाड़ी में बच्चे तो पढ़ना चाहते हैं। लेकिन अध्यापक मात्र दो दिन पढ़ा रहे हैं। एक जमाने में स्कूल से बच्चे गोल मारते थे, तो अध्यापक उनको दंड देते थे। अब अध्यापक ही स्कूल से गोल मार रहे हैं। इस पर अभिभावकों ने भी कमेंट करके जिलाधिकारी कार्यालय, जिला शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारी को जिम्मेदार बताया है। कहा है कि कपकोट के कई स्कूलों में अध्यापक व अध्यापिकाओं के स्कूल खुलने व बंद करने का कोई समय नहीं रह गया है। उन्होंने इस संबंध में सरकार से कार्रवाई की मांग की है। रमाड़ी की शिकायत उनके पास आई है। खंड शिक्षाधिकारी को औचक निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। वह ऐसे अध्यापकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। विद्यालयों का रेगुलर निरीक्षण किया जा रहा है। एक मामला रातिरकेटी का था। वहां निरीक्षण किया गया। पीटीए और अभिभावकों से मिले। लेकिन शिकायत सही नहीं पायी गयी। - पदमेंद्र सकलानी, मुख्य शिक्षाधिकारी, बागेश्वर

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