जिपं सदस्यों के धरने को पूर्व विधायक का समर्थन

बागेश्वर में जिला पंचायत में विवेकाधीन का प्रतिशत कम करने की मांग को लेकर जिला पंचायत सदस्यों में आक्रोश गहराता जा रहा है। उनका धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। पूर्व विधायक ललित फस्र्वाण ने भी जिला पंचायत सदस्यों के धरने को अपना समर्थन दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 04:58 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 04:58 PM (IST)
जिपं सदस्यों के धरने को पूर्व विधायक का समर्थन
जिपं सदस्यों के धरने को पूर्व विधायक का समर्थन

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिला पंचायत में विवेकाधीन का प्रतिशत कम करने की मांग को लेकर जिपं सदस्यों का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष और अपर मुख्य अधिकारी के खिलाफ नारेबाजी की। जिपं सदस्यों को पूर्व विधायक ललित फस्र्वाण ने समर्थन दिया। फस्र्वाण ने कहा कि पहली बार जिला पंचायत के सदस्य धरने पर बैठे हैं। जिससे जिला पंचायत के कामों पर सवाल उठने लाजिमी हैं। उन्होंने सदस्यों की मांग को जायज ठहराया और जिला पंचायत की हठर्धिमता पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। जिला पंचायत का विवाद लगातार गहराता जा रहा है। विवेकाधीन और मनमाने तरीके से कर्मचारियों की नियुक्तियां विवाद की वजह बताई जा रही है। विपक्षी सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर मनमानी का आरोप लगाया है। साथ ही उन्हें विकास विरोधी बताया है। सदस्यों का दावा है कि भविष्य में वे जिला पंचायत के और भी कई कारनामे सामने लाने वाले हैं। इस दौरान पूर्व जिपं अध्यक्ष हरीश ऐठानी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार, सदस्य सुरेंद्र सिंह खेतवाल, गोपा धपोला, रूपा कोरंगा, इंद्रा परिहार, रेखा आर्य, वंदन ऐठानी, पूजा आर्य आदि मौजूद थे। ये बोले जिला पंचायत सदस्य जिला पंचायत में जिला पंचायत अध्यक्ष का विवेकाधीन 20 प्रतिशत तय किया गया। इसमें सभी सदस्यों की सहमति बनी। इसके बाद इसे बढ़ाकर 30 प्रतिशत और बढ़ा दिया। इसके अलावा पांच प्रतिशत सीएम हेल्पलाइन के लिए तय कर दिया। - गोपा धपोला, जिपं सदस्य।

विवेकाधीन राशि को पूर्व में बनी सहमति के अनुसार करने की मांग की जा रही है। पिछले वर्ष जिला पंचायत में सदन को विश्वास में लिए बगैर नियुक्तियां की गई। अब उन कर्मचारियों का नवीनीकरण नहीं हो पा रहा है। सरकार अनुमति नहीं दे रही है। -पूजा आर्य, जिपं सदस्य।

जिला पंचायत रिमोर्ट कंट्रोल से संचालित की जा रही है। जिला पंचायत अध्यक्ष धरने के बाद कार्यालय तक नहीं आए हैं। एएमए भी कार्यालय में नहीं बैठ रहे हैं। यह सदस्यों के साथ अन्याय है। उन्हें जनता ने चुनकर भेजा है। वह गांव के विकास के लिए कृतसंकल्पित हैं। लेकिन जिला पंचायत में मनमानी हो रही है। - वंदना ऐठानी, जिपं सदस्य।

जिला पंचायत में भारी अनियमितताएं हैं। सूचना के अधिकार के तहत तमाम सूचनाएं भी ली गई हैं। समय आने पर उन्हें भी सामने लाया जाएगा। अपने चेहतों को विकास कार्यो का धन बांटा जा रहा है। अन्य सदस्यों की उपेक्षा हो रही है। - रेखा आर्य, जिपं सदस्य।

सदन को विश्वास में लिए बगैर 55 प्रतिशत तक जिपं अध्यक्ष ने विवेकानधीन कोष बना दिया है। जबकि शेष विकास कार्यों की धनराशि से भी एक हिस्सा उनका है। जिला पंचायत को चलाने में वर्तमान अध्यक्ष पूरी तरह नाकाम हैं। जरूरत पड़ने पर अदालत के दरवाजे भी खटखटाए जाएंगे। - इंद्रा परिहार, जिपं सदस्य।

जिला पंचायत सदस्यों की उपेक्षा हो रही है। भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष सत्ता का दुरुपयोग कर रही हैं। अनियमितता की जांच और विकास कार्यों के लिए आए धन को सभी सदस्यों को बराबर मिलना चाहिए। ताकि उनके क्षेत्रों में भी विकास संभव हो सकेगा। - रूपा कोरंगा, जिपं सदस्य। सात जून तक कार्ययोजना देने की अंतिम तिथि थी। कई बार पत्राचार करने के बाद भी कुछ सदस्यों ने कार्ययोजना नहीं दी। इस कारण उनका प्रस्ताव पास नहीं हो पा रहा है। आज वहीं लोग अपनी कमी को छिपाने के लिए मनमानी का आरोप लगा रहे हैं। सदन सभी सदस्यों की सहमति से ही चल रहा है। कुछ लोग बेवहज की राजनीति कर रहे हैं। - बसंती देव, जिला पंचायत अध्यक्ष। जिला पंचायत के एएमए डा. सुनील कुमार अवकाश पर नहीं हैं। ऐसा कोई भी पत्र कार्यालय को नहीं मिला है। इसके अलावा शासन स्तर पर कोई बैठक आदि भी नहीं है। जिला पंचायत बागेश्वर में जिपं अध्यक्ष का विवेकाधीन कोष को लेकर धरना किया जा रहा है। पूर्व विधायक ने उन्हें इसको लेकर फोन किया था। 55 प्रतिशत तक विवेकाधीन कोष जिला पंचायत की नियमावली में नहीं है। - राजीव त्रिपाठी, जेडी, पंचायती विभाग, देहरादून।

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