बंगाली पर्यटकों के लिए शुभ नही रहा सीजन

सुंदरढूंगा में पांच ट्रैकर्स की दर्दनाक मौत के नौ दिन बाद बुधवार को पंाच बंगाली पर्यटकों की मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 10:40 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 10:40 PM (IST)
बंगाली पर्यटकों के लिए शुभ नही रहा सीजन
बंगाली पर्यटकों के लिए शुभ नही रहा सीजन

घनश्याम जोशी, बागेश्वर: सुंदरढूंगा में पांच ट्रैकर्स की दर्दनाक मौत के कुछ ही दिन बाद बुधवार को शामा के फरसाली में बंगाली पर्यटकों का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गए। जिसमें पांच बंगाली पर्यटकों की मौत हो गई। उत्तराखंड के पहाड़ बंगाली पर्यटकों की पहली पसंद हैं। होटल, रेस्टोरेंट आदि को भी इससे लाभ मिलता है। लेकिन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम फिर भी कम हैं। अलबत्ता पर्यटन व्यवसाय को आगे बढ़ाने से पहले सड़कों की दुर्दशा में सुधार होना भी जरूरी है।

कौसानी, बागनाथ, चौकाड़ी, मुनस्यारी, बैजनाथ, पंचाचूली के अलावा गढ़वाल मंडल आदि रमणीय स्थलों पर बंगाली पर्यटक वर्षभर यात्रा करता है। इसके अलावा हिमालय क्षेत्र से भी उन्हें प्रेम हैं। उनका यह प्रेम उन्हें उत्तराखंड की धरती तक ले आता है। लेकिन सुरक्षा के अभाव उनकी दिक्कतें बढ़ा रहा है।

मुनस्यारी से लौट कर आ रहे बंगाली पर्यटकों का वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद सिस्टम पर भी सवाल उठने लगे हैं। पहाड़ की सड़कों पर घुमावदार मोड़ और बारिश के बाद सड़कों की फिसलन पर्यटकों की जान की दुश्मन बन रही है। सर्फीली सड़कों का रखरखाव, गति पर नियंत्रण और ब्रेकर आदि नहीं होना भी यात्रा को खतरनाक बना रही है।

गांव-गांव सड़क पहुंचाने की जद्दोजहद और भारी-भरकम लोडर मशीनों से खुदाई भी भूस्खलन को बढ़ा रही है। अवैज्ञानिक तरीके से पहाड़ों का काटा जा रहा है। जिसके परिणाम भी धीरे-धीरे आने लगे हैं। पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि के बाद भी सड़कों की हालत ठीक नहीं है। जिला मुख्यालय से लेकर गांव तक सड़कों के किनारे मलबा भरा हुआ है। गड्ढ़ों में पानी भरा है। जिसके कारण पहाड़ की सड़कों पर लगातार दुर्घटनाएं बढ़ने लगी है।

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शहर और कस्बों तक सिमट जाता है अभियान

रमेश मुमुक्ष कहते हैं कि पुलिस प्रशासन यातायात नियमों का पालन कराने के लिए जन जागरूकता अभियान संचालित करता है। वह शहर और कस्बों तक सिमट जाता है। वाहन संचालकों तक उनकी बात नहीं पहुंच पाना भी सवालों के घेरे में हैं। पहाड़ की सर्पीली सड़कों पर वाहन दौड़ने वाले चालकों को अलग से प्रशिक्षण की जरूरत भी है।

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पांच वर्ष से चौड़ीकरण का इंतजार

स्थानीय निवासी केशव भट्ट ने कहा कि शामा-तेजम मोटर मार्ग को एनएच में प्रस्तावित किया गया है। पांच वर्ष पूर्व इसका जीओ भी आ गया है। लेकिन सड़क अभी तक चौड़ी नहीं हो सकी है। संकरी और सर्पीली सड़क पर वाहनों का दवाब दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहा है। उन्होंने कहा कि चालकों को वास्तविक शिक्षा की जरूरत है। स्पीड आदि पर भी नियंत्रण जरूरी है।

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बैंड पर लिया गया पास

बुधवार को मुनस्यारी से लौट रहे वाहन के पीछे के वाहन चालक ने मोड़ पर पास लिया। जिसके कारण दोनों चालक वाहनों से नियंत्रण खो बैठे। जिससे पीछे वाला वाहन सड़क से नीचे उतर गया। आगे वाला वाहन भी रपट गया। जिसके कारण बड़ा हादसा हो गया। बताया कि जा रहा है कि आगे वाले वाहन में केवल बच्चे थे। उसके सड़क पर ही पलटने से वह बालबाल बच गए।

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एयर एंबुलेंस से एक घायल होगा रेफर

पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव ने बताया कि मुनस्यारी से तीन टैंपो ट्रैवलर बंगाली पर्यटकों को मुनस्यारी से कौसानी ला रहे थे। तीनों में 36 पर्यटक बैठे थे। सबसे आगे वाहन सुरक्षित है। दूसरे नंबर के वाहन ने मोड़ पर वाहन हल्का किया। पीछे वाले वाहन का चालक वाहन को नियंत्रित नहीं कर सका। उसने आगे वाले वाहन को टक्कर मार दी और वह सड़क पर पलट गया। सबसे पीछे वाला नीचे खाई में गिर गया। जिला अस्पताल के डाक्टरों के अनुसार एक पर्यटक की हालत गंभीर बनी हुई है। जिलाधिकारी विनीत कुमार ने एयर एंबुलेंस का प्रस्ताव शासन को भेजा है। उसे हायर सेंटर रेफर किया जा सकता है। सीओ ने घटना स्थल का मौका मुआयना कर लिया है। घटना की जांच की जा रही है।

-वर्जन-

घटना की मजिस्ट्रेटी जांच की जाएगी। सड़क से खाई में गिरे वाहन में 12 लोग सवार थे। जिसमें पांच की मौत हो गई है। घायलों का प्राथमिक उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कपकोट में किया गया। चार गंभीर थे, उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। जिसमें एक घायल की गंभीर स्थिति है। उसे गुरुवार को एयर एंबुलेंस के जरिए सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी भेजा जाएगा। प्रथम ²ष्टया ब्रेक फेल होने से दुर्घटना होना चालक ने बताया है।

-विनीत कुमार, डीएम, बागेश्वर।

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