बागेश्वर में सेवानिवृत्त दंपती ने 50 नाली भूमि को बनाया उपजाऊ

बागेश्वर के पालड़ीछीना के सेवानिवृत्त शिक्षक दपंती ने 50 नाली भूमि को उपजाऊ बना दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 06:33 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 06:33 PM (IST)
बागेश्वर में सेवानिवृत्त दंपती ने 50 नाली भूमि को बनाया उपजाऊ
बागेश्वर में सेवानिवृत्त दंपती ने 50 नाली भूमि को बनाया उपजाऊ

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : पालड़ीछीना के सेवानिवृत्त शिक्षक दपंती ने 50 नाली भूमि को उपजाऊ बना डाला है। लगभग दो लाख रुपये वर्षभर में खेती से आमदनी भी हो रही है। स्थानीय बेरोजगार युवाओं को साथ लेकर रोजगार भी दे रहे हैं और उन्हें खेती के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। जिला उद्यान विभाग कई बार दपंती को पुरस्कृत कर चुका है।

खरेही पट्टी का पालड़ीछीना गांव ऊंचाई पर स्थित है। यहां पानी की सबसे अधिक दिक्कत है। असिचित भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए सबसे अधिक पानी की जरूरत रहती है। शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त शिक्षिका मोहिनी देवी और उनके पति हयात सिंह जनौटी ने कमाल कर दिया है। क्रमश: 69 और 73 वर्ष के दपंती में अभी भी जवानों जैसा जच्बा है। बारिश के पानी को वह एकत्र करते हैं। इसके अन्य स्थानों से सिचाई पानी की व्यवस्था भी उनके पास है। उन्होंने 50 नाली भूमि में संतरा, माल्टा, गहत, अदरक, गडेरी, राजमा, नीबू, मटर, धनिया आदि की खेती की है, जिससे उन्हें मुनाफा भी हो रहा है।

शिक्षा विभाग में रहते हुए भी बेहतर काम किया। इसके लिए कई पुरस्कार भी मिले। अब उद्यान विभाग उन्हें हर साल बेहतर किसान के रूप में पुरस्कृत कर रहा है। लाकडाउन के बाद गांव के तमाम युवा शहर से घर लौटे उन्हें भी वह जैविक खेती सिखा रही हैं। उनकी पहल और प्रेरणा से 20 युवाओं ने जैविक खेती से बेहतर आमदनी शुरू कर दी है।

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खेतों ने उगला सोना

इस सीजन में 50 हजार रुपये की हरी सब्जी, गडेरी, 40 हजार के माल्टा, 10 हजार की अदरक और 15 हजार रुपये के मूली, लौकी, करेला, तुरई समेत अन्य नकदी फसलें बेचकर परिवार के साथ ही गांव के 20 से अधिक प्रवासी युवाओं को भी रोजगार दिया है।

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पेड़ों से मिल रही शुद्ध हवा

संतरा के पेड़ 100, नीबू 150, माल्टा 500, कागजी नीबू 100, अखरोट 100 के अलावा अन्य प्रजाति के पेड़ भी उन्होंने लगाए हैं। जिससे पूरे गांव को शुद्ध हवा मिल रही है और पर्यावरण भी बच रहा है।

-वर्जन-

हार्टीकल्चर के तहत संतरा, माल्टा, सब्जी आदि का उत्पादन दपंती कर रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों को भी रोजगार दिया है। पालीहाउस और गो-पालन कर वह जिले का ब्रांड बन गए हैं। सालभर में वे करीब दो लाख रुपये की आय सब्जी और फलों से अíजत कर रहे हैं

-रामकुशल सिंह, जिला उद्यान अधिकारी, बागेश्वर।

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