कद्दू भी बना सकता है संपन्न बागेश्वर के घिरौली गांव ने किया सिद्ध

बागेश्वर शहर से लगभग दो किमी दूर बसे घिरौली गांव के काश्तकारों की मेहनत रंग लाई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 03:37 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 03:37 PM (IST)
कद्दू भी बना सकता है संपन्न बागेश्वर के घिरौली गांव ने किया सिद्ध
कद्दू भी बना सकता है संपन्न बागेश्वर के घिरौली गांव ने किया सिद्ध

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : शहर से लगभग दो किमी दूर बसे घिरौली गांव के काश्तकारों की मेहनत रंग लाई है। कद्दू का रिकार्ड उत्पादन किया है। बाजार में स्थानीय कद्दू आने से हाथों-हाथ बिक्री के साथ ही अच्छी खासी कमाई भी हो रही है। किसानों ने अब तक एक क्विटल कद्दू बेच दिया है। इसके अलावा खेतों में लगभग पांच क्विटल तैयार है। काश्तकार स्थानीय बाजार में जैविक कद्दू को 30 रुपये प्रति किलो बेच रहे हैं। जल्द बाजार में शिमला मिर्च, बैगन और टमाटर की खेप भी आएगी। अलबत्ता उद्यान विभाग लगातार काश्तकारों की खेती का निरीक्षण भी कर रहा है। लॉकडाउन से किसानों को बहुत कुछ सीख मिली। प्रवासी घर लौटे और उन्होंने बंजर भूमि को फिर से उपजाऊ बनाने की कोशिश की। शहर से लगभग तीन किमी दूर घिरौली गांव के काश्तकार सबसे बेहतर काम कर रहे हैं। उद्यान विभाग उन्हें हरसंभव मदद कर रहा है। बीज, खाद और कीटनाशकों का वितरण कर रहा है। इसके चलते वे बेमौसमी के अलावा मौसमी सब्जी भी उत्पादित कर रहे हैं। गांव के पूरन सिंह ने बताया कि उन्होंने लगभग पांच नाली भूमि में सब्जी उत्पादन का काम शुरू किया है। पिछले 20 दिन के भीतर वह एक क्विटल कद्दू तीस रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेच चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगले दस दिनों के भीतर शिमला मिर्च, तुरई, खीरा, लौकी, टमाटर आदि की फसल भी बाजार तक पहुंचाएंगे।

-वर्जन- घिरौली गांव के काश्तकार सब्जी उत्पादन में रिकार्ड बना रहे हैं। लक्ष्य है कि जिले के लिए सब्जियों का उत्पादन भरपूर मात्रा में किया जाए। इसके लिए उद्यान विभाग काश्तकारों को हरसंभव मदद कर रहा है। अब अन्य सब्जियां भी शीघ्र बाजार तक पहुंचने लगेंगी। -आरके सिंह, जिला उद्यान अधिकारी, बागेश्वर।

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