बागेश्वर में सरयू तट पर पितरों का पिंडदान

बागेश्वर में पार्वण श्राद्ध की अष्टमी तिथि पर सरयू तट पर पिडदान कर पितरों को नमन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Sep 2020 09:21 AM (IST) Updated:Fri, 11 Sep 2020 09:21 AM (IST)
बागेश्वर में सरयू तट पर पितरों का पिंडदान
बागेश्वर में सरयू तट पर पितरों का पिंडदान

जासं, बागेश्वर: पार्वण श्राद्ध की अष्टमी तिथि पर पितरों को याद किया गया। सरयू तट पर पिडदान के लिए भीड़ उमड़ी। पंडितों ने मंत्रोच्चार के साथ श्राद्ध व तर्पण संपन्न करवाया।

पार्वण या महालया श्राद्ध में अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व है। नवमी तिथि को मां जबकि पिता के श्राद्ध के लिए अधिकांश लोग अष्टमी तिथि को ही चुनते हैं। अधिक संख्या में श्राद्ध होने के कारण पंडितों के लिए भी हर जगह यजमान के घर पहुंचना संभव नहीं हो पाता। ऐसे में नगर क्षेत्र के अधिकांश पंडित सरयू तट पर श्राद्ध करवाते हैं। इससे यजमान और पुरोहित दोनों का समय भी बचता है। इधर, पंडित मोहन चंद्र लोहनी व घनानंद कांडपाल ने बताया कि सरयू के पावन जल में स्नान कर पिडदान और श्राद्ध करने का भी विशेष महत्व है। सरयू तट पर श्रद्धापूर्वक पिडदान करने से पितरों की आस पूरी होती है। श्राद्ध करने वाले को भी इसका विशेष फल प्राप्त होता है। बदलते दौर में अधिकांश यजमान सरयू तट पर श्राद्ध करवाने को प्राथमिकता देने लगे हैं।

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