अवैध बंदूकों पर नहीं हुई कार्रवाई

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : वन विभाग की ढिलाई से जिले में तस्करी व वन्य जीवों के शिकार के

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 11:04 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 11:04 PM (IST)
अवैध बंदूकों पर नहीं हुई कार्रवाई
अवैध बंदूकों पर नहीं हुई कार्रवाई

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : वन विभाग की ढिलाई से जिले में तस्करी व वन्य जीवों के शिकार के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अल्मोड़ा पुलिस ने भी बीते 17 सितंबर को गुलदार की खाल के साथ बागेश्वर के दो युवकों को गिरफ्तार किया। इसके बाद विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

वन्य जीव शिकार मामले में बीते छह सितंबर को पुलिस ने कर्मी से छह लोगों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से सांभर की खाल, मांस और दो बंदूके मिली थीं जिसमें से एक बंदूक लाइसेंसी तो दूसरी बिना लाइसेंस के मिली। इसके बाद वन विभाग का कहना था कि दोनों बंदूकों का मामला पुलिस विभाग को सौंपा जाएगा। पुलिस विभाग इस मामले में आ‌र्म्स अधिनियम में कार्रवाई करेगी लेकिन तब से दो सप्ताह बीत चुके हैं लेकिन अभी तक इस मामले में वन विभाग शिथिल पड़ा हुआ है। आरोपितों से ढाई लाख जुर्माना वसूल करने के बाद वन विभाग ने उन्हें छोड़ भी दिया। लेकिन बंदूकों के संबंध में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। डीएफओ आरके ¨सह ने बताया कि मामले में अभी जांच जारी है। जबकि बीते सोमवार को अल्मोड़ा में बागेश्वर के दो युवकों को पुलिस ने गुलदार की खाल के साथ गिरफ्तार करने का दावा किया है। यह युवक भी कपकोट के कर्मी व लोहारखेत के रहने वाले हैं। जिसके बाद वन विभाग के कान फिर से खड़े हो गए हैं।

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अल्मोड़ा भेजी टीम

जिले के दो युवकों को गुलदार की खाल के साथ पकड़े जाने पर वन विभाग ने भी जांच शुरू कर दी है। डीएफओ आरके ¨सह ने बताया कि जिले के दो फारेस्टर व अन्य कर्मियों की टीम अल्मोड़ा भेजी गई है। जो मामले की जांच करेंगे।

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अवैध तरीके से गन रखने का मामला गंभीर है। लेकिन वन विभाग अभी तक पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी है। जब तक इस संबंध में वन विभाग जानकारी नहीं देता है तब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकती है।

-मुकेश कुमार, पुलिस अधीक्षक, बागेश्वर

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