युवाओं को देशसेवा से जोड़ रहे नारायण

बागेश्वर जिले के रूनीखेत निवासी पूर्व कैप्टन नारायण सिंह उन्यूणी। जिनकी तीन साल की मेहनत से 40 से अधिक युवा फौज में भर्ती हो चुके हैं। 40 रिर्टन टेस्ट देंगे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Nov 2021 04:15 PM (IST) Updated:Mon, 08 Nov 2021 04:15 PM (IST)
युवाओं को देशसेवा से जोड़ रहे नारायण
युवाओं को देशसेवा से जोड़ रहे नारायण

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : कहावत है कि फौजी कभी रिटायर नहीं होता है। चाहे वो आन ड्यूटी हो या आफ ड्यूटी। उत्तराखंड में ऐसे कई पूर्व फौजी हैं, जो रिटायरमेंट के बाद समाज की तस्वीर बदलने में जुटे पड़े हैं। उनकी मेहनत के अच्छे नतीजे भी सामने आने लगे हैं। इन्हीं में से एक हैं बागेश्वर जिले के रूनीखेत निवासी पूर्व कैप्टन नारायण सिंह उन्यूणी। जिनकी तीन साल की मेहनत से 40 से अधिक युवा फौज में भर्ती हो चुके हैं। 40 रिर्टन टेस्ट देंगे। कैप्टन के कदम अभी थमे नहीं हैं। उनका मुकाम नशे की गिरफ्त से युवाओं को मुक्त करा उन्हें देश सेवा से जोड़ना है। उत्तराखंड के लोगों में देशसेवा का जज्बा कूट-कूटकर भरा है। पहाड़ के हर घर में फौजी हैं। फौजी रिटायरमेंट के बाद भी देश-समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाते आ रहे हैं। वर्ष 2017 में 12 कुमाऊं में तैनात सुबेदार मेजर नारायण सिंह को रिटायर के समय सेना ने आनरी कैप्टन की उपाधि मिली। घर आने पर उन्होंने देखा कि गांव के अधिकतर युवा-बुजुर्ग नशे की गिरफ्त में हैं। इस पर उन्हें बहुत पीड़ा पहुंची। उन्होंने युवाओं को देश सेवा का जज्बा भरने के लिए गांव के ही एक युवक को लेकर ग्राम पंचायत खोली के तोक घाटबगड़, रूनीखेत मैदान में निश्शुल्क ट्रेनिग देनी शुरू कर दी। उनके जज्बे को देख कुछ ही महीनों में हल्द्वानी, सोमेश्वर, चौंरा, कपकोट, दफौट के दूरस्थ क्षेत्रों से युवा उनके पास ट्रेनिग के लिए आने शुरू हो गए। प्रशिक्षण में जरूरत के सामानों के लिए कैप्टन की मदद के लिए कुछ लोगों ने मदद की। मैदान में बारिश से बचने के लिए जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार ने भी अपने खर्चे पर डेढ़ लाख रुपये से वहां एक व्यायामशाला बनाया है। भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए जो मानक बने हैं, उन सारे मानकों का निश्शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। सुबह पांच से शाम सात बजे तक फिजिकल ट्रेनिग के साथ ही रिटर्न टेस्ट भी प्रशिक्षण का हिस्सा है। इसके साथ ही रविवार को युवाओं की फिजिकल प्रोग्रेस को आंका जाता है। अभी दो माह बचे हैं। यदि देश की सेवा करने का जज्बा हो तो अन्य युवा भी प्रशिक्षण ले सकते हैं। - आनेरी कै. नारायण सिंह उन्यूणी

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