विकास के लिए लंबा होता जा रहा इंतजार

सिल्वर जुबली मना रहे जिले के लोग अब भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। हाल यह है कि जिला प्रदेश के 13 जिलों में सबसे पिछड़ा हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 05:10 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 05:10 PM (IST)
विकास के लिए लंबा होता जा रहा इंतजार
विकास के लिए लंबा होता जा रहा इंतजार

चंद्रशेखर द्विवेदी, बागेश्वर :

कहां तो तय था चरागां हर एक घर के लिए, कहां चराग़ मयस्सर नहीं शहर के लिए..। कवि दुष्यंत की यह कविता बागेश्वर जिले के लिए सटीक बैठती हैं। सिल्वर जुबली मना रहे जिले के लोग अब भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। हाल यह है कि जिला प्रदेश के 13 जिलों में सबसे पिछड़ा हुआ है।

बागेश्वर जिला आज 25वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। किसी जिले के विकास के लिए इतने वर्ष बहुत होते हैं। लेकिन जिले के हालात कुछ जुदा-जुदा से हैं। तत्कालीन उत्तरप्रदेश में गठित जिले के तीन वर्ष बाद उत्तराखंड बन गया था। जिसके बाद दुर्गम पहाड़ी जिले के विकास की आस जगी। इन वर्षों में विकास के लिए करोड़ों रुपये आए। नीति निर्माताओं की अदूरदर्शिता के कारण नियोजित विकास नहीं हो पाया। हालात है कि इन वर्षों में जिला आर्थिक, सामाजिक रूप से पिछड़ता चला गया।

10 वर्षों में आबादी पांच फीसद घटी

ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक व आर्थिक विकास और पलायन रोकने को लेकर ग्राम्य विकास व पलायन आयोग की रिपोर्ट में तीन ब्लाकों वाले इस जिले में कपकोट ब्लाक में पिछले 10 वर्षों में आबादी करीब पांच फीसद घटी है, जबकि गरुड़ व बागेश्वर में यह राज्य के औसत से कम है। बागेश्वर जिले में पिछले 10 वर्षों में 346 ग्राम पंचायतों से 23388 व्यक्तियों ने अस्थायी रूप से पलायन किया। जबकि 195 ग्राम पंचायतों से 5912 व्यक्तियों ने पूर्ण रूप से स्थायी पलायन किया है। 45 गांवों के 10 हजार लोग मौत के मुहाने पर

जिले के 45 गांवों आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। यहां करीब 10 हजार की आबादी रहती है। यहां रहने वाले ग्रामीण लंबे समय से पुनर्वास की मांग कर रहे है। लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। हर साल बरसात व अन्य मौसम में प्राकृतिक आपदाओं की घटनाओं से असमय काल के ग्रास बनते हैं।

आज भी लोग कर रहे इंतजार

- सीवर लाइन का निर्माण

- खेल मैदान की कमी इन सालों में जिले की उपलब्धि

- कपकोट, गरुड़, दुगनाकुरी, कांडा में खुले डिग्री कालेज

- जिले के दूरस्थ क्षेत्रों तक करीब 300 किमी सड़कों का जाल

- पिटकुल का जीआइएस सेंटर बागेश्वर जिला एक परिचय

आबादी- करीब तीन लाख

विधानसभा- कपकोट, बागेश्वर

क्षेत्रफल- 11.73 वर्ग किमी

तहसील- छह

ब्लाक - तीन

नगरपालिका - एक

नगर पंचायत - दो

जिला लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है। जो भी कमियां होंगी उसे पूरी की जाएगी।

- चंदन राम दास, विधायक बागेश्वर विधानसभा सरकार का लक्ष्य विकास को गांव के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। जिसे पूरा करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

- बलवंत भौर्याल, विधायक कपकोट विधानसभा

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