वट वृक्ष की पूजा कर मांगी पति की लंबी उम्र

बागेश्वर में गुरुवार को ज्येष्ठ अमावस्या के दिन वटसावित्री व्रत पर महिलाओं ने व्रत रखा और पूजा अर्चना कर पति की दीर्घायु की कामना की।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 05:09 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 05:09 PM (IST)
वट वृक्ष की पूजा कर मांगी पति की लंबी उम्र
वट वृक्ष की पूजा कर मांगी पति की लंबी उम्र

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : गुरुवार को ज्येष्ठ अमावस्या के दिन वटसावित्री व्रत पर महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा-अर्चना की। उन्होंने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए सत्यवान, सावित्री और यमराज को भी स्मरण किया। मंडलसेरा, वैणीमाधव, सैंज हनुमान मंदिर, कठायतबाड़ा, बागनाथ मंदिर में सुबह से सुहागिनों का तांता लगा रहा।

पारंपरिक कुमाऊंनी परिधानों ने सजी-धजी महिलाएं वट सावित्री के लिए सुबह से मंदिरों में वट वृक्ष की पूजा-अर्चना के लिए पहुंची। वैणीमाधव मंदिर में महिलाओं ने सामूहिक पूजा-अर्चना की। इस दौरान जीवंती कांडपाल समेत तमाम सुहागिने मौजूद रहीं। इधर, सैंज स्थित हनुमान मंदिर में व्रतधारी महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा की और पति की लंबी उम्र की कामना की। बागनाथ मंदिर में भी नगर की महिलाओं को सुबह से तांता लगा रहा। यहां बरगद के पेड़ की पूजा अर्चना की। जल, फल, कपड़े आदि चढ़ाए और पति की लंबी उम्र के लिए रक्षा धागा बांधा। पंडित मोहन चंद्र लोहनी ने बताया कि वट वृक्ष के नीचे मिट्टी की बनी सावित्री और सत्यवान तथा भैंसे पर सवार यम की मूर्ति स्थापित कर पूजा करनी चाहिए। वट वृक्ष की जड़ को पानी से सींचना चाहिए। पूजा के लिए जल, मौली, रोली, कच्चा सूत, भिगोया हुआ चना, पुष्प तथा धूप आदि होना चाहिए। जल से वट वृक्ष को सींचकर तने के चारों ओर कच्चा सूत लपेटकर तीन बार परिक्रमा की जाती है। सत्यवान, सावित्री की कथा भी सुनी जाती है। इसके बाद भीगे हुए चनों का बायना निकालकर उस पर यथाशक्ति रुपये रखकर अपनी सास या सास के समान किसी सुहागिन महिला को देकर उनका आशीर्वाद लिया जाता है।

chat bot
आपका साथी