पिडर घाटी के लिए बरसात के तीन माह का 'लॉकडाउन'

प्रसिद्ध पिडर घाटी के लोगों के लिए बरसात के तीन माह बेहद कष्टदायक होते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 10:50 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 06:16 AM (IST)
पिडर घाटी के लिए बरसात के तीन माह का 'लॉकडाउन'
पिडर घाटी के लिए बरसात के तीन माह का 'लॉकडाउन'

जासं, बागेश्वर: प्रसिद्ध पिडर घाटी के लोगों के लिए बरसात के तीन माह बेहद कष्टदायक होते हैं। बारिश से रास्ते, सड़क, बिजली, पानी और संचार सेवाएं लगभग पूरी तरह ठप हो जाती हैं। लोग करीब तीन माह बाद ही तहसील या जिला मुख्यालय का रुख करते हैं। इस बार कोरोना संकट के चलते बरसात से पूर्व के इंतजाम भी धरातल पर नहीं उतर सके हैं। आपदा क्षेत्र में तैयारियां भी अधूरी हैं। सैटेलाइट, ड्रोन कैमरे, मोबाइल टावर आदि की व्यवस्थाएं अभी अधूरी हैं। इसके अलावा कुंवारी, खाती, समडर, जांतोली, बदियाकोट समेत एक दर्जन से अधिक गांव बरसात के कारण कटने लगे हैं। यहां करीब तीस हजार आबादी रहती है। बरसात से पहले यहां के वासिदे जरूरी सामान आदि का भंडारण स्वयं कर लेते हैं। भूस्खलन और भूकंप की ²ष्टि से जोन पांच में आने वाले गांवों के लिए सड़कें तो हैं, लेकिन वह अक्सर बंद रहती हैं। कुंवारी के पूर्व प्रधान किशन दानू ने बताया कि आपदाओं से उनका नाता है। बर्षात के दिनों में एक भय जरूर बना रहता है।भूस्खलन तेज होने पर उन्हें गांव छोड़ना पड़ता है। वह प्रशासन पर कभी निर्भर नहीं रहे हैं। हिमालयी क्षेत्र में रहने वाले लोगों का जीवन कठिन है, लेकिन वे उसे आसानी से पार भी करते आए हैं। पिडर क्षेत्र के लोग बर्षात के समय जिला और ब्लाक मुख्यालय से एक तरह से कट जाते हैं। लेकिन पहले से सभी तरह की व्यवस्थाएं भी कर लेते हैं। ---

आपदा प्रबंधन की तैयारी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि कपकोट तहसील में पांच सैटेलाइट फोन है। उन्हें जरूरत के अनुसार क्षेत्रीय पटवारियों को दिया जाता है। इसके अलावा एक कोतवाली, एक फायर सर्विस दुग नाकुरी और एक कंट्रोल रूम में सैटेलाइट फोन उपलब्ध है। कोविड-19 के साथ ही इस बार आपदा प्रबंधन की तैयारियां भी की गईं। पिंडर घाटी क्षेत्र में राशन का पूर्व में भंडारण हो गया है। बंद सड़कों को त्वरित गति से खोला जा रहा है। वर्तमान में सिर्फ एक सड़क बंद है। -वर्जन- पिडर घाटी क्षेत्र पर जिला प्रशासन की नजर है। कुछ दिन पूर्व वह अंतिम गांव खाती तक गईं। वहां रास्ते खराब थे। संचार आदि व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं थीं। जिन्हें सुचारू कराया जा रहा है। भूकंप और भूस्खलन की दृष्टि से जोन पांच में आने वाले क्षेत्रों को अलग से चिह्नित भी किया गया है। अधिकारियों को मौसम विभाग के अलर्ट के अनुसार दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। -रंजना राजगुरु, डीएम बागेश्वर

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