बागेश्वर में कमजोर पड़ी निगरानी समिति से बढ़ा संक्रमण
बागेश्वर जिले में निगरानी समिति की निष्क्रियता से कोरोना संक्रमण गांवों में तेजी से पैर पसार रहा है।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : निगरानी समिति की निष्क्रियता से कोरोना संक्रमण गांवों में तेजी से पैर पसार रहा है। वहीं स्वास्थ्य महकमा गांवों में शिविर लगाकर सैंपलिग करने लगा है।
जिले में 22 अप्रैल तक संक्रमण के दो ही मामले थे। इसके बाद यह इतनी तेजी से फैला कि वर्तमान में दो हजार से अधिक संक्रमित हो गए। इनमें से 700 के करीब स्वस्थ भी हो गए हैं। जबकि 1038 संक्रमित तीन ब्लॉकों गरुड़, बागेश्वर व कपकोट स्थित अपने घरों में ही आसोलेट हैं। गांवों में लगातार मामले बढ़ते जा रहे है। बागेश्वर ब्लॉक के ढूंगापातली गांव को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है। बीते दिनों गरुड़ के लौबांज में 23 संक्रमित मिले। इसके बाद उपजिलाधिकारी ने निरीक्षण किया, लेकिन अभी माइक्रो कंटेनमेंट जोन नहीं बनाया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार नजर बनाए है।
वहीं, कोरोना से जंग के लिए सरकार ने निगरानी समिति बनाई ताकि बाहर से आने वालों को क्वारंटाइन किया जा सके, लेकिन प्रधानों ने काम करने से मना कर दिया। इस कारण अभी तक क्वारंटाइन व्यवस्था गांवों में शुरू नहीं हो पाई है। प्रवासियों को नहीं किया क्वारंटाइन बागेश्वर: बाहर से अपने गांव लौटने वालों में से कई सैंपलिग में पॉजिटिव पाए गए तो उन्हें क्वारंटाइन नहीं किया गया। इस दौरान कोविड गाइडलाइन की जमकर धच्जियां उड़ी। अगर कोरोना की पहली लहर की तरह गांवों में भी क्वारंटाइन सेंटर बनते तो इस तरह की भयावह स्थिति नहीं होती। बागेश्वर में 21 अप्रैल के बाद की स्थिति ब्लॉक वर्तमान संक्रमित संक्रमण दर
बागेश्वर- 494 32 प्रतिशत
गरुड़- 339 27 प्रतिशत
कपकोट- 205 18 प्रतिशत
-गांवों की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण कंटेनेमेंट जोन बनाने में दिक्कत आ रही है। सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य परीक्षण लगातार किया जा रहा है।
-योगेंद्र सिंह, एसडीएम बागेश्वर