सुंदरढूंगा घाटी को हेलीकाप्टर रवाना, राहत-बचाव कार्य शुरू

बागेश्वर जिले के पिडरघाटी के द्वाली में 50 से अधिक पर्यटक और स्थानीय लोगों के फंसे होने की सूचना मिल रही है। वहीं सुंदरढूंगा घाटी में मैकतोली भानूटी ग्लेशियर के आस-पास ट्रेक पर गए चार पर्यटकों की मौत हो गई तो दो लापता बताए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 04:06 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 04:06 PM (IST)
सुंदरढूंगा घाटी को हेलीकाप्टर रवाना, राहत-बचाव कार्य शुरू
सुंदरढूंगा घाटी को हेलीकाप्टर रवाना, राहत-बचाव कार्य शुरू

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिले के पिडरघाटी के द्वाली में 50 से अधिक पर्यटक और स्थानीय लोगों के फंसे होने की सूचना मिल रही है। वहीं, सुंदरढूंगा घाटी में मैकतोली, भानूटी ग्लेशियर के आस-पास ट्रेक पर गए चार पर्यटकों की मौत हो गई तो दो लापता बताए जा रहे हैं। यह जानकारी उनके साथ बतौर पोर्टर गए सुंदरढूंगा से सुरेंद्र सिंह पुत्र हरक सिंह ने दी। उसने बताया कि एक घायल समेत चार लोग खाती गांव वापस लौट आए हैं। वहीं, देर से हरकत में आए जिला प्रशासन ने पिडारी की तरफ दो टीमें रेस्क्यू करने के लिए भेज दी हैं। कपकोट के एसडीएम परितोष वर्मा ने बताया कि सुंदरढूंगा की तरफ भी एसडीआरएफ की टीम रवाना कर दी गई है। इसके अलावा मेडिकल टीम भी रवाना हो गई है। उत्तराखंड में 17 से 20 अक्टूबर तक बारिश ने जमकर कहर बरफाया है। बागेश्वर जिले के सुंदरढूंगा घाटी में गए पर्यटकों में से चार की मौत की खबर है। बताया जा रहा है कि जिला आपदा विभाग को दो दिन पहले कलकत्ता से किसी महिला ने फोन कर बताया कि उसके स्वजन मित्रों के साथ सुंदरढूंगा घाटी में ट्रेक पर गए हैं, जहां उनके साथ कुछ दुर्घटना की सूचना मिली है। महिला ने आपदा विभाग से इस बारे में मदद की गुहार भी लगाई, लेकिन उक्त महिला की फरियाद को हल्के में ही लिया गया। अब महिला ने देहरादून मुख्यालय से गुहार लगाई। देहरादून मुख्यालय से कार्रवाई करने के निर्देश के बाद बागेश्वर जिला प्रशासन हरकत में आया और 20 अक्टूबर को देर शाम एक टीम को रेस्क्यू के लिए रवाना हो गई है। हालात गंभीर होते देख आज रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रशासन ने एक टीम फिर भेजी है और इसके साथ ही हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू अभियान भी शुरू कर दिया गया है। वहीं, हिमाल संस्था के अध्यक्ष रमेश मुमुक्षु ने बताया कि पिडर घाटी में वर्षा के कारण पिडारी ट्रेक के द्वाली और फुरकिया में स्थानीय लोगों के अनुसार ग्रामीण भेड़ वाले और ट्रेकिग पर गए 25 से अधिक लोग 18 अक्टूबर से फंसे हुए हैं। खाती गांव में कोई भी नेटवर्क काम नहीं करता। सैटेलाइट फोन खराब पड़ा है। उनका कहना है कि खाती गांव में मोबाइल सेवा को जल्द पुख्ता करें ताकि सूचना का आदान-प्रदान सुचारू और तुरन्त हो सकें। अभी वहां पर कोई भी मोबाइल काम नहीं करते हैं। इसके साथ ही आपदा के लिए ग्रामीणों को ट्रेनिग और सुविधा प्रदान की जाए ताकि घटना घटने पर ग्रामीणों को प्रशासन का इंतजार न करना पड़े।

chat bot
आपका साथी