मूलभूत सुविधाओं से महरुम है गोमती घाटी

संवाद सूत्र, गरुड़: तहसील की गोमती घाटी आज भी मूलभूत सुविधाओं से महरुम है। घाटी की 20 हज

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 10:47 PM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 10:47 PM (IST)
मूलभूत सुविधाओं से महरुम है गोमती घाटी
मूलभूत सुविधाओं से महरुम है गोमती घाटी

संवाद सूत्र, गरुड़: तहसील की गोमती घाटी आज भी मूलभूत सुविधाओं से महरुम है। घाटी की 20 हजार की आबादी एक अदद अस्पताल के लिए तरस रही है। घाटी में आज तक न कोई बैंक की सुविधा है और न कोई संचार टावर।

गोमती घाटी में मैगड़ीस्टेट, जवड़ास्टेट, ¨पगलों, छत्यानी, मजकोट, लोहागड़ी, सिमखेत समेत तेरह गांव हैं। इन गांवों की आबादी लगभग बीस हजार है। बीस हजार की आबादी आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है। घाटी में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर आज तक एक अदद अस्पताल भी नहीं है। घाटी के अधिकांश लोग सेना में कार्यरत हैं और कई पूर्व सैनिक हैं। लेकिन घाटी में आज तक किसी भी बैंक की शाखा नहीं है। गोमती घाटी में एक संचार टावर भी नहीं है। स्वास्थ्य सुविधा और बैंक सुविधा के लिए आज भी गोमती घाटी के लोग 30 किमी दूर गरुड़ आने को मजबूर हैं। गोमती घाटी के सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व ग्राम प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य भरत बिष्ट ने बताया कि घाटी के एकमात्र राइका मैगड़ीस्टेट में लंबे समय से शिक्षकों का टोटा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि घाटी की सड़कों का भी बुरा हाल है। कई सड़कें खड़ंजे में तब्दील हो गई हैं। उन्होंने घाटी में एक अस्पताल खोले जाने, बैंक की स्थापना करने और मोबाइल टावर लगाए जाने की मांग की है। चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र मांग पूरी नहीं की गई तो वे घाटी के लोगों को साथ लेकर उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

chat bot
आपका साथी