पूर्व विधायक गढि़या बने बीसूका के उपाध्यक्ष
बागेश्वर में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लंबे समय बाद आखिरकार कार्यकर्ताओं को दायित्व बांट दिए हैं।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लंबे समय बाद आखिरकार कार्यकर्ताओं को दायित्व बाट दिए हैं। शेर सिंह गढि़या को बीस सूत्रीय कार्यक्रम का उपाध्यक्ष बनाया गया है। उन्हें कैबिनेट मंत्री स्तर का दर्जा प्रदान किया गया है।
कपकोट के पूर्व विधायक शेर सिंह गढि़या को आखिरकार बीसूका का उपाध्यक्ष बनाया गया है। लंबे समय से गढि़या ना तो संगठन में थे ना ही उनके पास कोई दायित्व था। चुनाव को सिर्फ एक साल बचा है ऐसे में गढि़या की ताजपोशी के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। बीते दिनों राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भी देहरादून प्रवास में आये थे। गढि़या भगत सिंह के करीबी भी माने जाते है। गढिया 2008 में उस समय मे चर्चा में आए कपकोट विधान सभा सीट खाली हो गयी थी। तब इस विधानसभा से विधायक रहे भगत सिंह कोशियारी को राज्य सभा के जरिये दिल्ली भेज दिया गया था। कोशियारी के उत्तराधिकारी के रूप में चेहरा बनकर उभरे थे शेर सिंह गढि़या और उस समय यहा से वह आसानी से चुनाव जीत भी गए थे। 2012 तक वह विधायक रहे। 2012 के विधान सभा चुनाव मे शेर सिंह गढि़या कपकोट विधानसभा से विधायक के प्रबल दावेदार थे लेकिन तब टिकट बलवंत सिंह भौर्याल को मिला लेकिन भौर्याल जीत नहीं पाए। सीट काग्रेस के खाते में गयी। इसके बाद शेर सिंह गढि़या राजनीति से एक तरह से अगल थलग पड़ गए। तब राज्य में सरकार भी काग्रेस की ही बनी। 2017 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले संगठन ने दोबारा गढिया को जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी। जिस पर यह खरे भी उतरे। जिले की दोनों विधानसभा में बीजेपी काबिज हुई। सत्ता में भी बीजेपी बहुमत से आई। 2019 तक वह जिलाध्यक्ष रहे। 2020 में शिव सिंह बिष्ट को अध्यक्ष चुना गया। तब से ये कयास लगाए जा रहे थे कि शेर सिंह गढि़या को सरकार में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी।