शीशाखानी और जौलकांडे के जंगलों में लगी आग

बागेश्वर में बारिश नहीं होने से पहाड़ के जंगल संकट में हैं। जंगलों में लग रही आग पर काबू नहीं हो पा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 11:08 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 11:08 PM (IST)
शीशाखानी और जौलकांडे के जंगलों में लगी आग
शीशाखानी और जौलकांडे के जंगलों में लगी आग

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : बारिश नहीं होने से पहाड़ के जंगल संकट में हैं। जंगलों में लगातार लग रही आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। बीते मंगलवार की रात शीशाखानी और जौलकांडे के जंगल जलते रहे। जिससे पिरूल और हरी घास को नुकसान पहुंचा है। इसके चलते जाड़ों में मवेशियों के लिए चारा संकट पैदा होने की आशंका तेज हो गई है।

जिले में पिछले अक्टूबर माह से लगातार जंगल जल रहे हैं। प्रत्येक गांव से सटे क्षेत्र के वनों में आग लग गई है। शहर के चंडिका, नीलेश्वर, मालता, मनकोट के अलावा वच्यूला, पौड़ीधार में लगभग 40 हेक्टेयर वन भूमि में आग लग चुकी है। बीती मंगलवार की रात से जौलकांडे और शीशाखानी के जंगलों में आग लगी है। जिससे पिरूल और हरी घास राखहो गई है। चीड़ के पेड़ों में भी आग लग रही है। जिससे लीसा भी जलने लगा है। वनों को आग लगाने वालों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। वन विभाग किसी भी अराजक तत्व को नहीं पकड़ सका है। जिससे उनके होंसले बुलंद हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार पिकनिक और बरात में आने वाले अराजक तत्व सक्रिय हैं। जिस कारण वनों में आग लग रही है। वन विभाग के पास आग बुझाने के लिए वर्तमान में कोई फायर वाचर भी नहीं है। जिसके कारण आग पर काबू नहीं पाया जा रहा है। वन विभाग ने अभी तक 13 अज्ञात लोगों के खिलाफ जुर्माना काटा है। लेकिन इससे वनों को नहीं बचाया जा सकता है।

कपकोट के पूर्व विधायक ललित फस्र्वाण, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी, कांग्रेस नगर अध्यक्ष धीरज कोरंगा व सच्जन लाल टम्टा ने कहा कि वनों को आग लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। वन संपदा को भारी नुकसान हो रहा है। इसके अलावा लोगों के स्वास्थ के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है। इधर, प्रभागीय वनाधिकारी बीएस शाही ने कहा कि वन विभाग की टीम लगतार आग बुझा रही है और गश्त भी तेज की गई है।

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