भिटालगांव के जंगल में आग, कन्यूटी में घास जली
बागेश्वर में शीतऋतु में वनों की आग काबू नहीं हो पा रही है।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : शीतऋतु में वनों की आग काबू नहीं हो पा रही है। बीते मंगलवार की शाम भिटालगांव के ऊपर जंगल जल गए। इससे पर्यावरण और वन्यजीव को खतरा पैदा हो गया। हालांकि रात में ओस गिरने से सुबह तक आग बुझ गई। वहीं, भराड़ी वार्ड के कन्यूटी में अचनाक लगी आग से घास के चार लूटे (ढेर) जल गए हैं। जबकि आवासीय मकान बालबाल बच गया। ग्रामीणों ने भारी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
गत मंगलवार की शाम भिटालगांव के जंगलों में आग लग गई। कलक्ट्रेट के ठीक सामने रातभर जंगल जलते रहे। स्थानीय लोगों ने भी वन विभाग को इसकी सूचना नहीं दी। रात में ओस गिरने से आग बुझ गई, लेकिन वातावरण में धुंआ फैल गया। जिससे सूर्य की किरणें भी मंद पड़ गई। जिससे पर्यावरण को व्यापक नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। उधर, गत मंगलवार की शाम को भराड़ी वार्ड के कन्यूटी तोक निवासी जगत नाथ जोशी पुत्र स्व. कमलापति जोशी के घास के ढेर जलने लगे। उन्होंने बताया कि जब आग लगी वह घर के पास खेतों में काम कर रहे थे, जबकि उनकी पत्नी सरस्वती जोशी पास के गांव बेलंग गई थी। अचानक आग की तेज लपटें और धुंआ उठता देख मौके पर पहुंचे। वहां आकर देखा घास के चार ढेर आग की चपेट में आ गए थे और लपटें घर की तरफ बढ़ रही थी। आग को बढ़ता देख उन्होंने शोर मचाया और ग्रामीणों ने पानी फेंक कर आग पर काबू पाया। आग बुझाने वालो में हरीश जोशी, पंकज जोशी, हरूली देवी, चंपा देवी, कमल जोशी, शोभा जोशी आदि शामिल थे।