सिचाई नहरों की सफाई नहीं होने से किसान परेशान
वि की फसल की बोवाई किसानों ने कर दी है। लेकिन सिचाई के पानी के लिए उन्हें आसमान ताकना पड़ रहा है। आसमान में बादल आने के बाद वह प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन बारिश नहीं हो रही है।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : रवि की फसल की बोवाई किसानों ने कर दी है। लेकिन सिचाई के पानी के लिए उन्हें आसमान ताकना पड़ रहा है। आसमान में बादल आने के बाद वह प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन बारिश नहीं हो रही है। जिस कारण किसानों के माथे पर फिर से चिता की लकीरें झलकने लगी हैं। यह समय गेहूं की फसल की सिचाई करने का है। लेकिन अधिकतर नहरों की सफाई नहीं हो सकी है। अलबत्ता समय रहते नहरों की सफाई हो गई तो बेहतर उत्पादन की उम्मीद है। जिले में सिचाई की नहर और गूलों की बदहाली से किसान परेशान हैं। मन्यूड़ा, बिलौनासेरा, मंडलसेरा, कठायतबाड़ा, नदीगांव में कई नहर और गूलें बंद या क्षतिग्रस्त हैं। इनसे किसानों को सिचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। बिलौनासेरा में सिचाई विभाग ने कफौली गधेरे से करीब 1.5 किमी लंबी सिचाई नहर का निर्माण किया है। किसानों का कहना है कि दो साल से वह खुद रुपये खर्च कर सफाई करवा रहे हैं। वर्ष 2018 में तत्कालीन डीएम ने सिचाई विभाग को निरीक्षण कर नहर सुधारने के निर्देश दिए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। उधर, मन्यूड़ा नहर की सफाई नहीं हो सकी है। जिस कारण पांच हजार से अधिक किसान परेशान हैं। पंद्रहपाली-आरे सिचाई नहर के हालत भी ठीक नहीं हैं। सामाजिक कार्यकर्ता दीपक खेतवाल का कहना है कि आरे क्षेत्र में इस नहर से करीब 200 किसानों के खेतों को पानी मिलता है। नदीगांव निवासी पूर्व प्रधान जीएस मटियानी ने बताया कि नदीगांव सिचाई गूल बंद है। नहर की मरम्मत की ओर विभाग का ध्यान नहीं दे रहा है। लगभग 85 किसानों परेशान हैं। मंडलसेरा में सिगड़ी गधेरे से दो नहरें और एक सिचाई गूल बनाई गई है। क्षेत्र के किसान खुद ही नहर ओर गूल की सफाई कर खेतों में पानी चलाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। सभासद कैलाश आर्या ने बताया कि एक किमी लंबी सिचाई नहर सिगड़ी गधेरे के पास से बंद है। बंद नहरों का निरीक्षण के बाद मरम्मत की योजना बनाई जाएगी। क्षतिग्रस्त नहरों में पानी चला दिया जाएगा। किसानों को हरसंभव मदद की जाएगी। - एके जान, ईई, सिचाई विभाग, बागेश्वर