आलू की खोदाई में जुटे किसान, नहीं मिल रहा उचित दाम

जिले में आलू की फसल इस बार बेहतर हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 11:01 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 11:01 PM (IST)
आलू की खोदाई में जुटे किसान, नहीं मिल रहा उचित दाम
आलू की खोदाई में जुटे किसान, नहीं मिल रहा उचित दाम

बागेश्वर: जिले में आलू की फसल इस बार बेहतर हुई है। गेहूं कटाई और मड़ाई के बाद किसान अब आलू की फसल की खोदाई में जुट गए हैं। जून अंत तक आलू की खोदाई पूरी हो जाएगी और किसान दूनागिरी मूली, पत्ता और फूल गोभी के नर्सरी तैयार करेंगे। 15 से 18 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से आलू हल्द्वानी मंडी भेजा जा रहा है। जिले के शामा, गरुड़, कौसानी, कमेड़ीदेवी आदि क्षेत्रों के किसान आलू की खेती करते हैं। लगभग 200 हेक्टेयर भूमि पर आलू मार्च में लगाया जाता है। तीन और चार माह के भीतर आलू की फसल तैयार हो जाती है। शामा में लगभग पांच सौ किसान आलू की खेती कर रहे हैं। यहां का आलू काफी स्वादिष्ट माना जाता है। हालांकि गरुड़, कौसानी और कमेड़ीदेवी क्षेत्र का आलू भी हल्द्वानी मंडी पहुंचने के बाद तीन या फिर चार गुना दाम पर बिकता है। लेकिन किसानों को खेतों पर सही दाम नहीं मिलने से वे निराश हैं। कुमरौड़ा गांव निवासी मोहन सिंह भरड़ा ने बताया कि आलू का समर्थन मूल्य सरकार को घोषित करना चाहिए। ताकि बिचौलियों से बचा जा सके। सीमी नरगोल गांव निवासी चंद्रशेखर पांडे ने कहा कि गांव में किसानों ने आलू लगाया था और वह तैयार हो गया है। इसबीच खुदाई की जा रही है। ---------- 120 दिन में तैयार होता है आलू सहायक उद्यान अधिकारी कुलदीप जोशी ने बताया कि आलू का बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर किसानों को दिया जाता है। इस बार आलू की फसल अच्छी हुई है। जिले में लगभग पांच से आठ क्विटल तक आलू होता है। हल्द्वानी मंडी के अलावा बागेश्वर, भराड़ी, गरुड़ आदि बाजारों में भी बिकता है। आलू की खेती 120 दिन में तैयार हो जाती है। जिले में कुफरी च्योति प्रजाति का आलू उत्पादित होता है। -वर्जन- आलू का समर्थन मूल्य सरकार तय नहीं करती है। किसान मंडी के अनुसार रेट तय करते हैं। हल्द्वानी मंडी आलू जाता है। जनवरी में किसान को बीज दिया जाता है और मार्च में वह बुवाई करते हैं। आलू की उपज बढ़ाने के लिए काश्तकारों को लगतार प्रत्सोहित किया जा रहा है। -आरके सिंह, जिला उद्यान अधिकारी, बागेश्वर।

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