बागेश्वर में विशेषज्ञों ने कहा पढ़ने की संस्कृति को सार्थक बनाए युवा पीढ़ी

बागेश्वर स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में पुस्तक दिवस के अवसर पर अर्थपूर्ण पठन-पाठन पर जोर दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 04:53 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 04:53 PM (IST)
बागेश्वर में विशेषज्ञों ने कहा पढ़ने की संस्कृति को सार्थक बनाए युवा पीढ़ी
बागेश्वर में विशेषज्ञों ने कहा पढ़ने की संस्कृति को सार्थक बनाए युवा पीढ़ी

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में पुस्तक दिवस के अवसर पर पढ़ने की संस्कृति विषय पर ऑनलाइन संगोष्ठी आयोजित की गई। वर्तमान परिदृश्य में पढ़ने को कैसे सार्थक और उद्देश्यपरक बनाया जाए, इस विषय पर विस्तार से मंथन किया गया।

वेबिनार में एससीईआरटी देहरादून से अपर निदेशक अजय कुमार नौड़ियाल मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि पुस्तकें मार्गदर्शक के रूप में हमेशा हमारे साथ रहती हैं। ज्ञान के सृजन और संकलन की निधि पुस्तकें ही होती हैं। विश्व पुस्तक दिवस पर नई पीढ़ी को पुस्तकों की तरफ मोड़ने का संकल्प लेना चाहिए। डायट के प्राचार्य डा. शैलेंद्र धपोला ने कहा कि पढ़ने की संस्कृति समाज एवं व्यक्ति की सामाजिक आवश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए उत्कृष्टता केंद्र के समन्वयक डा. केएस रावत ने वेबिनार का परिचय और उद्देश्य प्रस्तुत किया। मुख्य वक्ता महेश पुनेठा ने कहा कि ज्ञान एवं तथ्यों का संग्रहण पुस्तकों में ही होता है। पुस्तकों से मित्रता व्यक्ति के जीवन की सार्थकता को सिद्ध करता है। पुस्तकें उद्देश्यहीन जीन को भी महानता के पथ की ओर मोड़ देती हैं। वेबिनार में मनोहर चमोली ने पढ़ने की संस्कृति के विविध आयामों पर विमर्श किया। उन्होंने कहा कि पढ़ने के लिए रोचक और सार्थक पुस्तकों के सृजन की आवश्यकता है। राज्य में पत्रिका और पुस्तकों के माध्यम से विद्यालयों में पढ़ने को रुचिपूर्ण बनाया जा सकता है। इस दौरान डा. राजीव जोशी, मुख्य शिक्षाधिकारी पदमेंद्र सकलानी, आकाश सारस्वत, विजय विशाल, जगमोहन कठैत, कमलेश अटवाल, डा. सीएस जोशी, डा. पीएस मावड़ी, डा. संजय गुरुरानी आदि मौजूद थे।

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