दोफाड़ के ग्रामीणों का कलक्ट्रेट में प्रदर्शन

कृषि इंटर कालेज दोफाड़ में क्रीड़ा स्थल निर्माण की गुणवत्ता पर लोगों ने सवाल उठाए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 31 May 2021 05:15 PM (IST) Updated:Mon, 31 May 2021 05:15 PM (IST)
दोफाड़ के ग्रामीणों का कलक्ट्रेट में प्रदर्शन
दोफाड़ के ग्रामीणों का कलक्ट्रेट में प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: कृषि इंटर कालेज दोफाड़ में क्रीड़ा स्थल निर्माण की गुणवत्ता पर लोगों ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोमवार को कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी विनीत कुमार को ज्ञापन सौंपा। कहा कि निर्माण में लगाई जा रही निम्न कोटि की समाग्री की जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें। दुग नाकुरी तहसील के दोफाड़ क्षेत्र के ग्रामीण कोरोना क‌र्फ्यू के नियमों का पालन करते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि कृषि इंटर कालेज दोफाड़ में खेल मैदान निर्माणाधीन है। जिसकी गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। निम्न कोटि निर्माण सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। बनते ही दीवारों में दरारें दिखने लगी हैं। क्रीड़ा स्थल निर्माण से निकला मलबा बहकर आवासीय घरों, कृषि योग्य भूमि को क्षति पहुंचा जा रहा है। दीवारों के निर्माण में पत्थर और सामग्री भी उच्च कोटि की नहीं है। जिससे भविष्य में दीवारों के ढहने की आशंका बनी हुई है। उन्होंने कहा कि खेल मैदान से घरों और जानमाल का खतरा भी पैदा हो गया है। इतना ही नहीं खेल मैदान के ऊपर नंदादेवी का पौराणिक मंदिर है। भूसलन से मंदिर भी खतरे की जद में आ गया है।उन्होंने कहा कि यदि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। इस दौरान हरीश कालाकोटी, दीपा देवी, नरेंद्र सिंह, मनमोहन सिंह, तारा सिंह समेत ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य आदि मौजूद थे। वहीं कपकोट विकास खंड के चमोली जनपद से लगे सीमांत गांव के ग्रामीणों ने शासन व प्रशासन से सीमांत गांव के लिए विशेष स्वास्थ्य व अन्य विकास योजनाएं संचालित किए जाने की मांग की है। आरोप लगाया है कि सरकार इन गांवों की ओर ध्यान नहीं दे रही है। सोराग गांव के हुकुम सिंह सोरागी ने जिलाधिकारी विनीत कुमार को भेजे ज्ञापन में कहा कि सीमांत गांवों की स्थिति अब भी दयनीय है तथा यहां के लोग कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। कहा कि कोरोना काल में भी इन गांवों की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कहा कि पंचायत राज की बातें की जाती हैं परंतु पंचायत प्रतिनिधि इन गांवों की ओर ध्यान नहीं देते हैं। जिसका प्रमुख कारण राजनीतिक गुटबाजी भी है। उन्होंने सीमांत गांव के क्षेत्रों की ओर ध्यान देने व ग्रामीणों को स्वास्थ्य आदि सुविधाएं प्रदान करने की मांग की है।

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