शासन-प्रशासन का आपदा प्रबंधन पूरी तरह फेल : ऐठानी
कांग्रेस के बागेश्वर जिला मिडिया काडिनेटर हरीश ऐठानी ने कहा कि 1897 के बाद जल त्रासदी हुई है। जिसे मौसम विभाग ने कुबुला है। 15 अक्टूबर को मौसम खराब होने की सूचना इंटरनेट मीडिया पर आती है। 16 को सरकार अलर्ट जारी करती है। छह दिन बीतने के बावजूद सुंदरढूंगा में हताहत पर्यटकों को रेस्क्यू नहीं किया जा सका है।
जासं, बागेश्वर : कांग्रेस के जिला मिडिया काडिनेटर हरीश ऐठानी ने कहा कि 1897 के बाद जल त्रासदी हुई है। जिसे मौसम विभाग ने कुबुला है। 15 अक्टूबर को मौसम खराब होने की सूचना इंटरनेट मीडिया पर आती है। 16 को सरकार अलर्ट जारी करती है। छह दिन बीतने के बावजूद सुंदरढूंगा में हताहत पर्यटकों को रेस्क्यू नहीं किया जा सका है। स्थानीय लोग भी हिमालयी क्षेत्र की तरफ हैं। उनकी भी जिला प्रशासन के पास सटीक जानकारी नहीं है। टीआरसी में पत्रकारों से बातचीत में ऐठानी ने कहा कि कांग्रेस आपदा काल में सरकार के साथ है। लेकिन लचर व्यवस्थाओं के कारण सरकार फेल हो चुकी है। पिडारी, कफनी, सुंदरढूंगा में 18 अक्टूबर से हादसे होने लगे थे। 20 अक्टूबर को सरकार को पता चला। जिला प्रशासन के पास भी पर्यटकों की जानकारी नहीं थी। एसडीआरएफ की टीम भेजी है, लेकिन उसके पास उपकरण नहीं हैं। वह खाती से आगे नहीं बढ़ सकी है। पिछले दिनों से हेलीकाप्टर 12 बजे कपकोट पहुंच आ रहा है। हेलीकाप्टर में दो लोगों के बैठने का स्थान है। स्ट्रेचर आदि के लिए स्थान नहीं है। वह कैसे रेस्क्यू करेगा। जिलाधिकारी कपकोट में बैठे हुए हैं। तहसीलदार ने खाती में डेरा डाला है। सरकार के जनप्रतिनिधियों को भी क्षेत्र के लोगों की जानकारी नहीं है। आपदा से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। खेत बह गए हैं। मकान, आगन क्षतिग्रस्त हैं। लेकिन अभी तक जिला प्रशासन के पास नुकसान का आंकड़ा तक नहीं है। शामा में युवक की पहाड़ से गिर कर मौत हो गई थी। उसकी मजिस्ट्रेटी जांच होनी चाहिए। फल, सब्जी, रसोई गैस, पेट्रोल आदि की पिछले पांच दिनों से किल्लत बनी है। हिमालयी क्षेत्रों के सेटेलाइट फोन खराब हैं। संचार, बिजली, पानी का संकट भी बना हुआ है। इस दौरान पूर्व दर्जा मंत्री राजेंद्र टंगड़िया, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष कवि जोशी, अंकुर उपाध्याय आदि मौजूद थे।