देवीनगर-तुषरेड़ा में गंदे पानी की आपूर्ति

बागेश्वर जिले के देवीनगर-तुषरेड़ा सड़क कटान के कारण पेयजल लाइन प्रभावित हो गई है। जिससे घरों में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। इससे ग्रामीण भड़क गए हैं और उन्होंने लोनिवि से संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 06:10 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 06:10 PM (IST)
देवीनगर-तुषरेड़ा में गंदे पानी की आपूर्ति
देवीनगर-तुषरेड़ा में गंदे पानी की आपूर्ति

जासं, बागेश्वर : देवीनगर-तुषरेड़ा सड़क कटान के कारण पेयजल लाइन प्रभावित हो गई है। जिससे घरों में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। इससे ग्रामीण भड़क गए हैं और उन्होंने लोनिवि से संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। गुरुवार को ग्रामीणों ने डीएम को ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि देवनगर-तुषरेड़ा सड़क कटान का मलबा गधेरे में फेंका जा रहा है। डंपिग जोन की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जलसंस्थान की पेयजल योजना तुसरेड़ा-सिमदे नामक स्थान पर बनी है। मलबा स्त्रोत के ऊपर पड़ने पर घरों में गंदे पानी आ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क कटान का कार्य इसी साल 19 जुलाई से शुरू हुआ। लोनिवि के ठेकेदार ने पूरा मलबा जल संस्थान की पेयजल योजना के पास डाल दिया है। इस कारण देवलेत के मुख्य स्त्रोत से लगातार गंदा बदबूदार पानी नलों में आ रहा है। जिससे तुषरेड़ा, ठांगा, ढानण, देवलेत, पटौली, तल्ला देवतोली के 68 परिवार परेशान हैं। इन उपभोक्ताओं के पास अन्यत्र कोई विकल्प नहीं है। गधेरों से व बारिश के पानी से काम चला रहे हैं। लंबा समय बीत जाने के बाद भी समस्या जस की तस है। इससे पीलिया, डायरिया तथा त्वचा रोग बीमारी पनपने की आशंका बनी है। ग्रामीणों ने बताया कि जलसंस्थान व लोनिवि से कटिग के समय ही डंपिग जोन बनाने की मांग रखी थी, लेकिन ठेकेदार ने एक न सुनी और पूरा सड़क कटान का मलबा पेयजल स्त्रोत के उपर डाल दिया। पंकज सिंह, खुशाल धानिक, जगदीश साहनी, गीता साहनी, अनीता देवी, बहादुर राम, संजय राम, दीपक राम, नवीन पाठक, मंजू देवी, गीता देवी ने साफ पानी की आपूíत की मांग की है। इधर, जल संस्थान के अवर अभियंता बीरेंद्र कुमार ने बताया कि विभाग से डंपिग जोन बनाने के लिए कहा था, बावजूद इसके मलबा पेयजल स्त्रोत के ऊपर डाला जाना यह गलत है। मौका मुआयना कर जांच की जाएगी। लोनिवि के जेई चंचल सिंह कोरंगा ने बताया कि हमें मालूम नहीं था कि नीचे पेयजल स्त्रोत भी हैं। कटिग कार्य कर रहे ठेकेदार को निर्देशित किया गया है कि मलबा नीचे नदी में न डालें।

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